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“कलाकारों को तय करना होगा कि वे किसान के साथ हैं या सत्ता के”, किसान आंदोलन में शामिल पंजाबी फिल्म निर्देशक जतिंदर मोहर

-कारवां, जारी किसान आंदोलन में पंजाब के कलाकार भी बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. यह अभूतपूर्व है क्योंकि आमतौर पर भारत में फिल्मी कलाकार, कुछेक अपवाद को छोड़ कर, अमूमन राजनीतिक स्टैंड लेने से बचते है, तब भी जब देश की राजनीति उन्हें सीधे प्रभावित करती है. हाल में हिंदी फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद कुछ विशेष कलाकारों पर दक्षिणपंथियों के हमले के समय भी देखा...

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पंजाब में आढ़तियों के घर इनकम टैक्स की छापेमारी, सीएम अमरिंदर- किसानों का साथ देने की सजा

-आउटलुक, नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में हो रहे किसानों के आंदोलन के बीच आयकर विभाग की टीम ने पटियाला में आढ़तियों के ठिकानों पर छापेमारी की है। इसको लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बादल और सुखबीर सिंह ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। दरअसल, पटियाला जिले के समाना में शुक्रवार की शाम को आढ़ती एसोसिएशन से संबंधित लोगों के घरों पर इनकम टैक्स की ताबड़तोड़ छापेमारी पड़ी।...

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विस्ट्रॉन में बवाल: मजदूरों पर पड़ रही क़ानूनों की मार

-सत्यहिंदी, कर्नाटक के कोलार जिले के नारासपुरा इलाके में स्थित ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन के परिसर में पिछले सप्ताह कर्मचारियों ने तोड़फोड़ की थी। इस मामले की शुरुआती जांच में यह सामने आ रहा है कि वेतन देने में कंपनी ने अनियमितता की है। नारासपुरा इलाका राज्य की राजधानी बेंगलुरु से 50 किलोमीटर दूर है।  ऐपल इंक की वैश्विक आपूर्तिकर्ता कंपनी विस्ट्रॉन ने पुलिस प्राथमिकी में आरोप लगाया कि ठेके के 5,000...

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लॉकडाउन के बाद भी भुखमरी और सिकुड़ती आय के खतरे बरकरार!

11 राज्यों के 3,994 उत्तरदाताओं के बीच एक सर्वेक्षण के प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि अधिकांश कमजोर परिवारों और समुदायों, जैसे कि एससी, एसटी, ओबीसी, पीवीटीजी, झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले, दिहाड़ी मजदूर, किसान, एकल महिला परिवार, इत्यादि में लॉकडाउन से पहले उनकी आय के स्तर की तुलना में सितंबर-अक्टूबर के दौरान उनकी आय कम रही है. राइट टू फूड कैंपेन और सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (टेलीफोनिक सर्वेक्षण के...

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आवरण कथाः इतने गुस्से में क्यों है पंजाब

-इंडिया टूडे, प्रधानमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के ज्यादातर वक्त नरेंद्र मोदी कृषि में धीमे-धीमे बढ़ते सुधारों से संतुष्ट थे. उनके आलोचकों ने उन पर आरोप लगाया था कि जरूरी बदलावों पर निशाना साधने के लिए वे महज एयर राइफल का इस्तेमाल कर रहे हैं. उनके दूसरे कार्यकाल का अभी एक साल भी नहीं हुआ था कि कोविड-19 महामारी के तेजी से बढ़ते प्रकोप के बीच मोदी ने सुधार प्रक्रिया...

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