हम एक व्यक्तिपूजक देश हैं। धर्म, राजनीति, कला, हर क्षेत्र में हमने अपने-अपने व्यक्ति-रूपक रच डाले हैं। हम हमेशा खुद को विराट छवियों से घिरे रखना पसंद करते हैं। हमारे कैलेंडर पर लाल स्याही से अंकित वे तारीखें सभी का ध्यान खींचती हैं, जिन पर पर्व-त्योहार या किसी महापुरुष की जयंती या पुण्यतिथि अंकित होते हैं। ऐसा लगता है जैसे हमारे पास इसके लिए समय और संसाधनों की कोई कमी...
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'ऐसा अकाल 35 साल में मैंने कभी नहीं देखा'
छत्तीसगढ़ के उत्तर मरवाही इलाके के गांव डेडिया में लोगों ने अब सूखते खेतों में जाकर बारिश के लिए प्रार्थना करना छोड़ दिया है. साठ दिन पुराने धान की हल्की किस्मों की फसल से अब उम्मीद नहीं रही कि अब वो पनप पाएंगी. गांव के लोगों ने एक दिन तय कर लिया कि पूरा खेत मवेशियों के लिए छोड़ दिया जाए. गांव के फ़ैसले के बाद चरवाहा लवन सिंह खेतों में जाकर...
More »जलवायु संकट के सबक-- अरुण तिवारी
पिछले ग्यारह हजार तीन सौ सालों की तुलना में आज पृथ्वी सबसे गर्म है। उत्तरी ध्रुव के आर्कटिक सागर में इस बार 1970 के बाद सबसे कम बर्फ जमी है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव से बाहर दुनिया का सबसे बड़ा बर्फ भंडार, तिब्बत में ही है। इसी नाते तिब्बत को ‘दुनिया की छत' कहा जाता है। इस नाते आप तिब्बत को दुनिया का तीसरा ध्रुव भी कह सकते हैं। यह...
More »नहीं रहे शराबबंदी के लिए अनशन कर रहे पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा
जयपुर। पिछले एक महीने से शराबबंदी और मजबूत लोकायुक्त की मांग पर अनशन कर रहे पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा का निधन हो गया है। छाबड़ा ने एसएमएस अस्पताल में सुबह 4.30 बजे अंतिम सांस ली। छाबड़ा की पार्थिव देह को उनके गोविंदपुरी आवास पर लाया गया। एसएमएस अस्पताल से उनके घर तक चिकित्सा मंत्री राजेंद्र राठौड़ और सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता साथ...
More »बिना टिकट ट्रेन में नहीं की यात्रा, 9 माह में पैदल चल तमिलनाडु से पहुंचे रांची
रांची। घर जाने की जिद्द, अपनों का प्यार और गांव की मिट्टी की जब उन्हें याद आई तो पहुंच गए रेलवे स्टेशन। पर पास पैसे नहीं होने से बिना टिकट ट्रेन में यात्रा नहीं की। बल्कि पैदल ही निकल पड़े अपने घर की ओर। वो भी तमिलनाडु से रांची के लिए। नौ महीने में 2000 किलोमीटर की दूरी लगातार पैदल चलकर नापी और एक दिन पहुंच गए अपने घर। हम...
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