लखनऊ, [आशीष मिश्र]। नाका हिंडोला चौराहे पर एक दवा की दुकान है। इसके पास बकायदा ड्रग लाइसेंस है। हैरत की बात यह है कि इस मेडिकल स्टोर में आपको दवा ही नहीं टीवी, डीवीडी-वीसीडी प्लेयर से लेकर नई व पुरानी फिल्मों की डीवीडी तक मिल जाएगी। दुकान के मालिक का कहना है कि बिक्री कम होने पर दवा के साथ डीवीडी, टीवी का काम भी शुरू कर दिया। सरकारी निगरानी तंत्र किस कदर चरमराया...
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छोटे व मझोले उद्योग देश की रीढ़
ग्रेटर नोएडा, संवाददाता : देश की आर्थिक तरक्की में छोटे व मझोले उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका है इसलिए उन्हें अधिक प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है। सरकार ने इसके लिए कई योजनाएं भी चला रखी हैं। इसका उद्यमियों को लाभ उठाना चाहिए। यदि उद्यमी राष्ट्रीय लघु उद्योग के माध्यम से अपना उद्यम लगाएंगे तो उन्हें ऋण लेने में ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही ब्याज दर भी कम होगी। यह बातें बुधवार को...
More »शिक्षा के मंदिर में कमाई की दुकान
नई दिल्ली [हिमांशु शेखर]। देश के ज्यादातर हिस्सों में नर्सरी में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अपने बच्चे के दाखिला के लिए अभिभावक स्कूल-दर-स्कूल भटक रहे हैं। अभिभावक हर हाल में अपने बच्चों को किसी न किसी अच्छे स्कूल में देखना चाहते हैं। यही वजह है कि वे अपने बच्चों के दाखिले के लिए कई-कई स्कूलों में आवेदन कर रहे हैं। अभिभावकों की इसी मजबूरी का फायदा उठाने के लिए निजी स्कूलों ने...
More »भोपाल त्रासदी के ढाई दशक
हममें से ज्यादातर लोगों के लिए भोपाल गैस त्रासदी एक औद्योगिक दुर्घटना है, जिसने 25 साल पहले से लेकर आज तक हजारों लोगों की हत्या की है और लाखों को तबाह कर दिया है। इस...
More »नरेगा के जमीनी समीकरण- सामाजिक अंकेक्षण और सरपंच
सुख अकेले टहलते हैं,दुःख झुंड बनाकर रहते हैं।सुख चेहरे से छलकता है,दुःख चेहरे पर जमा रहता है।सुखों के लिए चौराहे होते हैं और दुःखों के लिए वह कोना जहां किसी की गुजर ही नहीं। गुलाबी नगरी जयपुर में गुजरे 15 दिसंबर को स्टेशन से लगते जीपीओ के पास बने शहीद स्मारक के घेरे में आलम कुछ ऐसा ही था। कुल 1 हजार की तादाद में पगड़ियां थीं और उनका रंग मटमैलेपन के बीच पूरी शान...
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