कोलकाता: राज्य के किसानों को कृषि उत्पाद की कीमतों की जानकारी देने के लिए कृषि विभाग ने विशेष नंबर जारी करने का फैसला किया है. राज्य सरकार ने सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) को आवाज के आधार पर नयी तकनीक बनाने का जिम्मा सौंपा है, जो बंगाली भाषा में होगी. सभी जिलों के लिए अलग-अलग हेल्प लाइन नंबर बनाये जायेंगे, जिस पर फोन कर किसान विभिन्न फसलों की कीमतों...
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कृषि उत्पाद की कीमत बताने का मामला, हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी राज्य सरकार
रांची के रजिस्ट्री कार्यालय में वर्षो से जमे भ्रष्टाचार सरकार के अथक प्रयास के बाद भी कम नहीं हो रहे. सरकारें आयीं-गयीं, पर रजिस्ट्री कार्यालय में व्याप्त वसूली का धंधा नहीं रुक रहा. सरकारी स्तर पर कई कदम भी उठाये गये, पर बिना चढ़ावे के रजिस्ट्री कार्यालय में शादी का निबंधन तक नहीं होता. यहां हर काम के लिए रेट तय है. कार्यालय में दलाल भी हावी हैं. रांची :...
More »पर्यावरण के सरोकारों पर एक किताब की गहरी नजर
अगर पर्यावरण के नुकसान को लेकर आपको चिंता होती है लेकिन साथ में आप इस मसले पर मौजूद अध्ययन सामग्री को बोझिल और नीरस जान पढ़ने से बचते हैं तो फिर आपके लिए एक अच्छी खबर है. हाल ही में जीन कंपेन की तरफ से एक किताब कोपिंग विद् क्लाईमेट चेंज नाम से प्रकाशित हुई है और पर्यावरणविद्, नागरिक संगठन से जुड़े कार्यकर्ता, नौकरशाह तथा शोधकर्ताओं के बीच समान...
More »अरविंद पनगढिया जैसे लोगों को हटायें पीएम नरेंद्र मोदी, देसी समझ वाले लोगों की सुनें : गोविंदाचार्
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रचारक से होते हुए भारतीय जनता पार्टी में महासचिव का पद संभाल चुके केएन गोविंदाचार्य पिछले कई सालों से पार्टी से छुट्टी पर चल रहे हैं. वह राजनीति की मुख्यधारा से भले अलग हो गये हों, पर उनकी छवि देसी चिंतक -विचारक की है. उनके पास भारत को देखने-समझने का अपना ‘स्वदेशी' नजरिया है. हाल ही में गोविंदाचार्य से बातचीत की प्रभात खबर डॉट कॉम के...
More »जनगणना जारी : 4 लाख परिवार कचरा बीनकर और 6.68 लाख परिवार भीख मांगकर करते हैं गुजारा
नयी दिल्ली : 4.08 लाख परिवार कचरा बीनकर और 6.68 लाख परिवार भीख मांगकर अपना घर चला रहे हैं. इस बात का पता चला कि सरकार की ओर से बाज जारी जनगणना रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. देश के सिर्फ 4.6 प्रतिशत ग्रामीण परिवार आयकर देते हैं जबकि वेतनभोगी ग्रामीण परिवारों की संख्या 10 प्रतिशत है. यह बात आज पिछले आठ दशक में पहली बार जारी सामाजिक आर्थिक...
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