नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को साल 2015-16 की खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का एलान कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने इसे मंजूरी दे दी है। सोयाबीन की एमएसपी में 40 रुपए की बढ़ोतरी की है। इसकी एमएसपी अब 2,560 की जगह 2,600 रुपए प्रति क्विंटल होगा। यह बढ़ोतरी केवल पीली सोयाबीन पर लागू होगी। तुअर की एमएसपी में 75...
More »SEARCH RESULT
अब शहरी गरीबों को घर के लिए मिलेगा सस्ता कर्ज
सरकार ने ‘2022 तक सभी के लिए घर' योजना को मंजूरी देते हुए शहरी गरीबों और झुग्गियों में रहने वालों के लिए कम ब्याज दर पर सस्ते घर का रास्ता साफ कर दिया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट के आर्थिक मामलों की बैठक में शहरी गरीबों के लिए इंटरेस्ट सब्सिडी की योजना पर मुहर लगा दी गई है। इस योजना के तहत शहरी गरीबों...
More »जन-धन योजना के आधे से अधिक खातों में नहीं हो रहा कोई लेन-देन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी जनधन योजना के तहत अब तक खुले करीब 16 करोड़ खातों में से आधे से भी ज्यादा खाते निष्क्रिय पड़े हैं। जनधन योजना के तहत ज्यादातर खाते सरकारी बैंकों में खुलवाए गए हैं। इन बैंकों के लिए जीरो बैलेंस वाले इन खातों के रखरखाव का खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है। जनधन योजना के तहत बैंकिंग सेवा से वंचित देश के साढ़े सात...
More »जमीन में कोयला आकाश में कालिख
देश का नेतृत्व तेज आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध दिख रहा है। इसके लिए कोयला उत्पादन दोगुना-तिगुना करने की जरूरत है। पर दुर्भाग्य से अगर ऐसा हुआ तो भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश बन जाएगा। डेविड रोज की रिपोर्ट वित्त वर्ष मार्च 2015 के अंत तक दुधिचुआ ने 15 मीट्रिक टन कोयला उत्पादन किया, जो ब्रिटेन के कुल कोयला उत्पादन से भी अधिक है। दुधिचुआ सिंगरौली कोयला-क्षेत्र...
More »बिजली वितरण कंपनियां ध्वस्त होने की कगार पर: एसोचैम
नई दिल्ली। एक वर्ष बीत जाने के बावजूद राजग सरकार राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों की खस्ताहाल स्थिति को सुधारने का कोई खाका पेश नहीं कर पाई है। बिजली वितरण क्षेत्र की स्थिति पहले से भी खराब हो गई है। इसका खामियाजा पूरा बिजली क्षेत्र और आम जनता भुगत कर रही है। कर्ज में दबी वितरण कंपनियां ज्यादा बिजली नहीं खरीद रही हैं। इससे पावर प्लांट क्षमता से काफी कम बिजली...
More »