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उजमा बैठक और किसान चैंबर्स आफ कॉमर्स ने पारित किए 15 प्रस्ताव, सभी प्रकार की फसलों पर एमएसपी की मांग

-आउटलुक, भारत सरकार द्वारा लाये गए तीन नए कृषि अध्यादेशों के अवलोकन के लिए उजमा बैठक ने किसान चैंबर ऑफ कॉमर्स के सहयोग से ऑनलाइन कांफ्रेंस की। इस दौरान देश-विदेश के कृषि एक्सपर्ट्स, अर्थशास्त्री, साइंटिफिक और कानून एक्सपर्ट्स, कृषि समाज के कार्यकर्ता और खाप प्रतिनिधियों ने 15 प्रस्ताव पास किए। प्रस्ताव में कहा गया कि मंडी हो या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, फसल का एम.एस.पी. हर सूरत में सुनिश्चित रखा जाए। किसी भी उपज...

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सिर्फ कूटनीति तक सीमित नहीं रहा नेपाल-भारत तनाव

-कारवां, 9 जुलाई को नेपाल के केबल ऑपरेटरों ने अचानक भारत के सभी निजी समाचार चैनलों के प्रसारण को बंद करने की घोषणा कर दी. ऑपरेटरों ने यह फैसला जी न्यूज के एक शो के विरोध में लिया था जिसमें दिखाया गया था कि काठमांडू में चीनी राजदूत होउ यानछि ने नेपाल के प्रधानमंत्री खड्ग प्रसाद शर्मा ओली को "हनी ट्रैप" में फंसा लिया है यानी अपने वश में कर लिया...

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इस 22 अगस्त से दुनिया एक बार फिर से पृथ्वी की लूट-खसोट में लग गई है

-सत्यहिंदी, दुनिया के लगभग हर देश की सरकारें करों आदि से होने वाले अपने राजस्व से अधिक ख़र्च करती हैं. अपने अतिरिक्त ख़र्च के लिए उन्हें ऋण लेने पड़ते हैं. उदाहरण के लिए, भारत की सरकारों द्वारा लिए गये ऋण, भारत के हर नागरिक पर इस समय औसतन 1,400 डॉलर से भी अधिक बैठते हैं. एक डॉलर इस समय लगभग 75 रूपये के बराबर है. घाटे के बजट की ही तरह दुनिया...

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पैकेज बिना सब सूना

-आउटलुक, “मुख्य आर्थिक सलाहकार के अनुसार दूसरा राहत पैकेज कोरोना का वैक्सीन आने के बाद, लेकिन पैकेज को अनिश्चितता से जोड़ना कितना उचित” विक्रम देकाते की औरंगाबाद में डेक्सन कास्टिंग नाम की कंपनी है, जो दोपहिया वाहनों के लिए एल्युमिनियम कास्टिंग करती है। उन्होंने प्रॉपर्टी के एवज में एक एनबीएफसी से कर्ज ले रखा था। लॉकडाउन के दौरान कैशफ्लो घट गया तो इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत वर्किंग कैपिटल लोन...

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कुपोषण से जूझते राजस्थान में क्यों उम्मीद की किरण है सुपोषण वाटिका?

-गांव कनेक्शन, कुपोषण राजस्थान ही नहीं पूरे देश के लिए गंभीर समस्या है। इस मामले में राजस्थान असम और बिहार के बाद तीसरे नंबर पर है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार प्रदेश में 38.4% बच्चों का वजन औसत से कम है। 23.4 फीसदी बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर, 8.7% बच्चे अति कमजोर और 40.8 फीसदी बच्चे अविकसित हैं। 2011 जनगणना के अनुसार प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा बच्चे 0-6...

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