SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 3863

गन्ना किसानों की मुश्किलें बढ़ा रहा 'अमेरिकी फॉल आर्मीवर्म' कीट

-गांव कनेक्शन, किसानों की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं हैं, लॉकडाउन और ओला, बारिश से किसान पहले से ही परेशान थे, अब किसानों के सामने नई मुसीबत आ गई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गन्ने की फसल को फॉल आर्मीवर्म नुकसान पहुंचा रहे हैं। तीन साल पहले अफ्रीका में मक्के की फसल बर्बाद करने वाला फॉल आर्मीवर्म भारत के कई राज्यों में पहुंच चुका है, अगर समय रहते इसका...

More »

राजस्थान के अजमेर में टिड्डियों का हमला, फसलों को तीन से पांच फीसदी नुकसान की आशंका

-आउटलुक, कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन की मार झेल रहे राजस्थान में अजमेर जिले के किसानों की फसलों पर अब टिड्डियों ने हमला कर दिया है जिससे फसलों को तीन से पांच फीसदी नुकसान होने की आशंका है। हालांकि प्रशासन ने टिड्डियों के हमले से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। बुधवार को सुबह नागौर के सांसद हनुमान बेनिवाल ने टिड्डी नियंत्रण के लिए कार्यरत कृषि विभाग की टीम के साथ...

More »

खराब नेटवर्क और कमजोर इंटरनेट ने उत्तराखंड में खोली ऑनलाइन पढ़ाई की कलई

-न्यूजलॉन्ड्री,  हर्षित उत्तराखंड के गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय से बीएससी कर रहे है. कोरोना के कारण विश्व विद्यालय शुरुआत में 31 मार्च तक के लिए बंद हुआ. इस कारण कुछ दिनों की छुट्टियों के लिए वो चमोली जिले में स्थित अपने घर चले गये. कोरोना का संकट बढ़ा तो विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी. लेकिन हर्षित पढ़ नही पा रहा, क्योंकि गांव में नेटवर्क ही नही आता. एक दोस्त से...

More »

कोरोना: लॉकडाउन में मनरेगा योजना बन गई है मज़दूरों की लाइफ़लाइन

-बीबीसी,  छत्तीसगढ़ सरकार ने महात्मा गांधी रोज़गार गारंटी योजना में पूरे देश में सबसे अधिक मज़दूरों को काम देने का दावा किया है. भारत सरकार के शनिवार तक के आंकड़ों के अनुसार ई-मस्टर रोल में दर्ज संभावित कार्यशील मज़दूरों की संख्या छत्तीसगढ़ में 23,26,252 है. मज़दूरों की यह संख्या पूरे देश में सबसे अधिक है. इसके अलावा पिछले 9 दिनों में ही छत्तीसगढ़ ने 1 करोड़ 89 लाख मानव दिवस का रिकार्ड...

More »

मजदूरों का दर्द: 'किस भरोसे से गाँव वापस जाएं, दो महीने बाद खाली हाथ घर लौटने की हिम्मत नहीं बची है'

-गांव कनेक्शन, "किस भरोसे से गाँव वापस जाएं ? दो महीने बाद खाली हाथ घर लौटकर घर जाने की हिम्मत नहीं बची है। गाँव में कोई रोजगार नहीं है कि जाते ही काम मिल जाएगा। वहां करेंगे भी क्या जाकर ? यहां कम से कम ये तो उम्मीद है कि लॉकडाउन खुलने के बाद हो सकता है कुछ काम ही मिल जाए।" पुताई करने वाले राकेश कुमार (43 वर्ष) के इन शब्दों...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close