अभी ज्यादा दिन नहीं हुए, जब भारत के बारे में बाकी दुनिया, विशेष रूप से पश्चिमी जगत में दो तरह की धारणाएं विद्यमान थीं। पहली धारणा यह थी कि भारत का मतलब उत्पीड़न, भुखमरी, बीमारी और बूचड़खाना है। दूसरी धारणा के रूप में भारत की छवि एक ऐसे देश की थी, जहां साधुओं, भिखारियों, सपेरों, बाघों, हाथियों और हीरे-जवाहरातों से लदे महाराजाओं की भरमार है। यही मिथकों वाला भारत था...
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तो ये है मोदी की अटल पेंशन योजना का असली सच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुप्रचारित अटल पेंशन योजना में कई पेंच सामने आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस योजना में अधिकतम पेंशन 14 साल ही मिलेगी। इसके बाद भी यदि पेंशनधारी जीवित रहा तो उसे पेंशन मिलेगी या नहीं, इसका जवाब कोई नहीं दे रहा है। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने बीते 9 मई को जो अटल पेंशन योजना लागू की उसमें 18 साल से लेकर 40 साल के...
More »सरकार नहीं जानती देश में कितना है दाल का भंडार
इस साल मानसून के ठीक रहने का अनुमान क्या जारी हुआ, बाजार में दाल के भाव आसमान छूने लगे। लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि देश में दालों के पर्याप्त भंडार हैं और उसकी कोई कमी नहीं है। हालांकि सरकार यह नहीं बता पा रही है कि देश में दाल का कितना भंडार है। लेकिन उसका दावा है कि जो भी राज्य दाल मांगेगा, उसे दी जाएगी। केंद्रीय कृषि मंत्री...
More »CIC, CVC के नामों को सरकार की मंजूरी
सरकार और विपक्ष ने सोमवार को मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी), दो सूचना आयुक्त (आईसी)और केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) के नामों को मंजूरी दे दी। इन नामों को अंतिम मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया है। बता दें कि ये पद पिछले नौ महीने से खाली पड़े हैं और सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच...
More »जीएसटी : एक अहम सुधार में हो रही गड़बड़ी - जयराम रमेश
जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर संबंधी संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा की स्थायी समिति को सौंप दिया गया है। जीएसटी वास्तव में अप्रत्यक्ष कराधान की संरचना में बेहद अहम सुधार वाला कदम है और यह समेकित राष्ट्रीय आम बाजार की रचना में मदद करेगा। इससे उपभोक्ताओं को कम कीमत में सामान मिल सकते हैं। उद्योग और व्यापार के लिए निश्चित रूप से यह ज्यादा...
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