सरकार का दावा है कि लोगों में कुपोषण घटा है. नेशनल सैंपल सर्वे आर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) की 66वीं अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया है कि दो तिहाई लोग पोषण के सामान्य मानक से कम खुराक ले पा रहे हैं. योजना आयोग का मानना है कि हर ग्रामीण को न्यूनतम 2400 किलो कैलोरी व हर शहरी को न्यूनतम 2100 किलो कैलोरी का आहार मिलना चाहिए. जमीनी हकीकत क्या है, यह भी सरकारी...
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वंचित तबके के हक पर डाका डालने वाले- सुभाष गताडे
अनुसूचित तबकों के छात्रों को दी जा रही छात्रवृत्ति जारी करने में विलंब के चलते लाखों छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। पिछले दिनों राज्यसभा में शून्यकाल में इसी मसले को बसपा के एक सांसद ने उठाकर सदन का ध्यान खींचने की कोशिश की थी। संविधान के अंतर्गत अनुसूचित तबकों को दिए गए आरक्षण के बावजूद समय पर छात्रवृत्ति न मिलने से इन तबकों के छात्रों की पढ़ाई...
More »नशे में डूबते केरल को बचाएं - पत्रलेखा चटर्जी
आखिर इसकी क्या वजह हो सकती है कि जो केरल अपनी उच्च साक्षरता दर और मानव विकास में उल्लेखनीय प्रगति के लिए जाना जाता है, वही शराब के उपभोग के मामले में भी पूरे देश में अव्वल है। शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की कांग्रेस नेतृत्व वाली राज्य सरकार की हालिया घोषणा के साथ ही यह सवाल एक बार फिर से चर्चा में है। यहां के मुख्यमंत्री ओमन चांडी कहते...
More »बिहार-झारखंड धान उत्पादन के नये अगुवा
एक समय था जब भारत इतना भी गेहूं-चावल नहीं उगा पाता था कि अपने लोगों का पेट भर सके. लेकिन दौर बदला और 60 के दशक में आयी हरित क्र ांति से भारत के भंडार अनाज से भरने लगे. इस सफलता में अगर सबसे ज्यादा पसीना किसी का बहा, तो वो थे पंजाब और हरियाणा के किसान. उत्तर-पश्चिमी भारत के ये छोटे राज्य अपने मेहनतकश किसानों के बूते पूरे भारत...
More »केदली गांव, जिसे कोसी ने नौ बार उजाड़ा- पुष्यमित्र
केदली पंचायत के कुमर यादव ब्योरा देते हुए बताते हैं कि 1981 तक हमारी जिंदगी सामान्य र्ढे पर चल रही थी. हां, कोसी तटबंध के अंदर रहने की परेशानी जो दूसरे गांव के लोगों को होती थी, वह हमें भी होती थी. मगर उस साल अचानक कोसी नदी हमारे गांव के पास आकर बहने लगी और धीरे-धीरे गांव पर हमलावर होने लगी. 1983 में नदी ने हमारे गांव को पूरी...
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