जनसत्ता 16 अप्रैल, 2013:नरेंद्र मोदी बार-बार प्रशासन की उस शैली की बात कहते रहे जिसे वे गुजरात-मॉडल का नाम देते हैं। क्या है यह गुजरात मॉडल? वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं और इस लंबे दौर में एकदम निर्द्वंद्व सत्ता उनके हाथ में रही है। पहले दौर में उनकी प्रशासनिक शैली की एकमात्र उपलब्धि रही कि समाज के अल्पसंख्यकों और असहमत लोगों को डरा-धमका और मार डाल कर एकदम हाशिए...
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सुनिश्चित करें की शिक्षक प्रशिक्षित होः सीबीएसई
नयी दिल्ली: देश के स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी की खबरों के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( सीबीएसई ) ने सभी संबद्ध स्कूलों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके शिक्षक मानकों के अनुरुप प्रशिक्षित हों और नियमों का पालन नहीं करने वाले स्कूल पर उपयुक्त कार्रवाई की जायेगी. सीबीएसई के एक अधिकारी ने कहा कि छह से 14 वर्ष के बच्चों के लिए लागू की गयी...
More »चालू सीजन में चावल की सरकारी खरीद घटकर 289 लाख टन
चालू मार्केटिंग सीजन में 401 लाख टन चावल खरीद का लक्ष्य निर्धारित चालू खरीफ विपणन सीजन 2012-13 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर चावल की सरकारी खरीद 2 फीसदी घटकर 288.76 लाख टन की ही हुई है। पिछले विपणन सीजन की समान अवधि में 295.88 लाख टन की खरीद हुई थी। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार चालू विपणन सीजन में अभी तक हुई चावल की सरकारी खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी...
More »बच्चे पैदा करने में बिहार नंबर वन
नई दिल्ली [मुकेश केजरीवाल]। यह ऐसा ताज है, जिसे संभालना किसी भी राज्य के लिए आसान नहीं होगा। मगर बच्चे पैदा करने की रफ्तार में बिहार एक बार फिर अव्वल नंबर पर है। यह देश का अकेला राज्य है, जहां महिलाओं को अब भी औसतन साढ़े तीन से ज्यादा बच्चे पैदा हो रहे हैं। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रजनन दर [टीएफआर] 0.1 अंक और घट कर 2.4 पर पहुंच गई...
More »वनाधिकार कानून का सफेद और स्याह
वनाधिकार कानून की यात्रा साल 2006 के बाद से आज दिन तक किस मुकाम तक पहुंची है- इसका जायजा लेने के लिए देश भर से कुछ समूह दिल्ली में जुटे थे। वनाधिकार कानून को अक्सर ऐतिहासिक करार दिया जाता है क्योंकि इस कानून वनक्षेत्र और उसके आस-पास रहने वाले समुदायों और व्यक्तियों को भूस्वामित्व का हकदार बनाया, इस हकदारी को अवैध करार देने वाले सदियों पुराने चलन का खात्मा किया।...
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