‘तेरे नाम से शुरु, तेरे नाम से खत्म' वित्त मंत्री ने शायद यही जताना चाहा होगा. यही वजह है कि उनके बजट भाषण की शुरुआत किसान से हुई और अंत भी किसान पर हुआ. बात बड़बोली लगे तो खुद ही परख लीजिए, हाथ कंगन को तो आरसी क्या ! वित्त मंत्री का बजट भाषण जिन दस बड़े विषयों के इर्द-गिर्द पेश हुआ उसमें सबसे ऊपर ‘किसान' को रखा गया है. भाषण...
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दुष्कर्म की धाराओं का गलत इस्तेमाल कर रही हैं महिलाएं: कोर्ट
कड़कड़डूमा अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में सुनवाई करते हुए तल्ख टिप्पणी की कि महिला सुरक्षा कानून का गलत इस्तेमाल हो रहा है। एक युवती ने संपत्ति विवाद में मकान मालकिन और उसके भतीजे समेत तीन लोगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करा दी। सुनवाई के दौरान आरोपी पक्ष ने अदालत में एक सीडी पेश की, जिसमें पीड़िता का पिता केस वापस लेने के नाम पर...
More »आखिर कब मिलेगा न्याय!-- आकार पटेल
वर्ष 1984 में हुए सिख-विरोधी नरसंहार के पीड़ितों और भुक्तभोगियों को न्याय दिलाने के लिए भारत सरकार कितनी गंभीर है? यह ऐसा प्रश्न है, जिसे जानने के लिए सभी भारतीयों को उत्सुक होना चाहिए, क्योंकि इससे यह बात स्पष्ट हो जायेगी कि इस देश में बड़े पैमाने पर होनेवाली हिंसा के मामले में पीड़ितों को कभी न्याय मिल पायेगा या नहीं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद मचे...
More »बजट में यूनिवर्सल बेसिक इनकम पेश कर गरीबों को साध सकती है मोदी सरकार
नयी दिल्ली : चुनावी मौसम में पेश होने वाली बजट के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार यूनिवर्सल बेसिक इनकम का तोहफा देकर देश के गरीबों को साधने का प्रयास कर सकती है. हालांकि, इसके पहले भी मोदी सरकार गरीबों को साधने कई लोकलुभावनी योजनाएं पेश कर चुकी है, लेकिन अन्य योजनाओं की तरह गरीबों के कल्याण के लिए सरकार की ओर से पेश की गयी योजनाएं भी समय के साथ...
More »जब औरतों के निशाने पर गांधीजी आए -- रामचंद्र गुहा
अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम के अभिलेखागार में काम करते हुए गांधीजी को लिखा गया एक दिलचस्प पत्र मेरे हाथ लगा। यह पत्र 11 युवा महिलाओं ने लिखा था, जो कलकत्ता (अब कोलकाता) की थीं। उस चिट्ठी पर कोई तिथि नहीं लिखी थी, मगर ऐसा लग रहा था कि वह जनवरी, 1939 में लिखी गई थी। चिट्ठी ‘परमपूज्य महात्मा जी' को संबोधित थी, जिस पर सभी महिलाओं ने अपने अलग-अलग हस्ताक्षर...
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