कोलकाता, 26 दिसंबर (एजेंसी) पूर्वोत्तर राज्यों से लोगों का पलायन चरम पर है और अगले पांच साल में क्षेत्र से लगभग 50 लाख लोग शिक्षा एवं रोजगार के लिये देश के अन्य हिस्सों में गमन कर सकते हैं। राष्ट्रीय राजधानी स्थित शोध संस्थान ह्यनार्थ ईस्ट सपोर्ट सेंटर एंड हेल्पलाइनह्ण ने कहा है, ह्यह्यपूर्वोत्तर क्षेत्र से पलायन चरम पर है...और अगले पांच साल में 50 लाख लोगों के देश के दूसरे हिस्सों...
More »SEARCH RESULT
बगैर मुखिया चल रहे क्षेत्र के 51 विद्यालय
मोहम्मद हारून, हथीन : एक कहावत है कि बगैर सेनापति के फौज कुछ काम की नहीं। यह कहावत क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों पर सटीक बैठती है। क्षेत्र के 51 स्कूल बगैर सेनापति (मुखियाओं) के चल रहे हैं। हालांकि शिक्षा विभाग शिक्षा की बेहतरी के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कर रहा है, लेकिन लंबे अरसे से खाली पड़े पदों को भरने की जहमत नहीं उठाई। ऐसे में स्कूल प्रबंधन व पढ़ाई पर...
More »संभावना का परिसर
जनसत्ता 18 दिसंबर, 2011 : बहुत दिनों से जलगांव में बन रहे ‘गांधी शोध संस्थान’ के बारे में सुन रहा था। इसे देखने-समझने और जो लोग इसके पीछे हैं उनसे मिलने की इच्छा और उत्सुकता थी। पर मैं इन लोगों को नहीं जानता था, इसलिए संकोच होता था। पर आखिरकार जलगांव जाने का मौका मिल ही गया। वहां एक बडेÞ उद्योगपति हैं भंवरलाल जैन, जिन्होंने टपक-सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) के क्षेत्र में...
More »वाटरशेड प्रोग्राम ने बदली गांवों की तस्वीर
उन्होंने जिला सोलन के कंडाघाट ब्लाक की चार पंचायतों महोग,साजा,नगाली, और कनौड़ी के तीस गांवों में वाटरशेड डवलपमेंट प्रोग्राम के तहत हुए कार्य पर शोध किया। वर्मा ने अपने शोध में कहा है कि ये गांव सिंचाई के लिए अब बारिश के पानी पर निर्भर नहीं है। सिंचाई का इंतजाम होने से खेती की पैदावार में कई गुणा बढ़ोतरी हुई है और किसानों की आर्थिकी में इजाफा हुआ है। यही...
More »खेती को कमजोर करने की साजिश- अनिल जोशी
खेती को लेकर अब छोटे और मध्यम किसानों में भी एक बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे किसानों में अपने खेत बेचकर बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। हाल के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि 98.2 प्रतिशत किसानों की आनेवाली पीढ़ियों में किसानी के प्रति कोई रुचि नहीं है। निश्चय ही यह चिंता का विषय होना चाहिए। किसानों के बच्चों की...
More »