रायगढ़। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के बगीचा क्षेत्र में जंगली हाथी ने एक अधेड़ किसान की सूढ़ से पटक-पटक कर मार डाला और उसकी पत्नी ने तालाब में कूदकर अपनी जान बचाई। पुलिस के अनुसार बीती रात छाताबार टागरटोली में हाथियों के दल ने खलिहान में रखी फसल की रखवाली कर रहे एक किसान दम्पत्ति पर रात में हमला कर दिया। रूद्र यादव (52) को हाथियों ने वहीं पटक - पटक कर...
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सपना हो जाएगी महुए की डोभरी !
बांदा। महुआ के फूल से बनी 'डोभरी' जंगल में बसे जनजातियों के लिए अब सपना हो जाएगी। 'डोभरी' जनजातियों के जीवन का एक प्रमुख सहारा रहा है। कोलुहा जंगल में पीढि़यों से बसे जनजातियों को अब भूखे पेट रात बितानी होगी। वन संपदा पर दबंगों की हुकूमत व सूखे की मार से मुंह का निवाला छिन गया है। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के फतेहगंज क्षेत्र के कोलुहा जंगल में पीढि़यों से बसे जनजातीय...
More »दुधवा पार्क में प्यास से जूझते जानवर
पलिया कला [खीरी]। मौसम का मिजाज जैसे-जैसे गर्म होता जा रहा है उसी तरह प्राकृतिक जल स्त्रोत भी सूखते जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के वन्य जीव अभ्यारण्य दुधवा टाइगर रिजर्व के जल स्त्रोत अभी से सूखने लगे हैं। मई-जून में इन प्राकृतिक जल स्त्रोत के पूरी तरह सूखने की आशंका है। दुधवा की लाइफ लाइन सुहेली नदी भारी सिल्ट के कारण पहले ही उथली हो चुकी है। 886 वर्ग किमी के विशाल क्षेत्र...
More »नहीं रुक रहा बाघों की मौत का सिलसिला
नई दिल्ली। इस साल जनवरी के बाद केवल दस हफ्तों में देश के अनेक अभयारण्यों में कम से कम 13 बाघों की मौत हो गई, जिनमें जनवरी और मार्च में पांच-पांच बाघों की मौत हुई। पिछले साल 60 बाघों की मौत दर्ज की गई थी। दुनिया में केवल 3500 बाघ बचे हैं, जिनमें से 1411 भारत में हैं। यह सब तब हो रहा है जबकि, पूरी दुनिया इस संकटग्रस्त प्रजाति की...
More »एक पहल जल-जंगल के लिए
शिमला [ब्रह्मानंद देवरानी]। देर आयद, दुरुस्त आयद यह कहावत कोटखाई क्षेत्र के उन लोगों पर चरितार्थ होती है जिन्होंने वनों के अवैध कटान और जल संरक्षण के लिए बीड़ा उठाया है। संभव है कि छोटी सी ही सही, लेकिन इन लोगों ने वनों की अहमियत को समझकर जो पहल की है, निस्संदेह यह कदम जलवायु परिवर्तन के लिए उपयोगी होगी। वनों का अवैध कटान कर उस भूमि पर बागीचा लगाने के लिए बदनाम ऊपरी शिमला...
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