खबर है कि गए सालों में हमारे देश में बाघों की तादाद बढ़ी है, लेकिन खबर यह भी है कि इस दौरान 0 से 6 साल की उम्र की बच्चियों की तादाद तेजी से घटी है। बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है और आरक्षित श्रेणी में आता है। पर उसकी खाल, हड्डी, दिल, गुर्दा सबको एशियाई बाजारों में भारी मुनाफे पर बेचा जा सकता है इसलिए पिछले सालों में लालची तस्करों...
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भूख नहीं जानती सब्र-- संजीव पांडेय
दुष्यंत कुमार का शेर है : भूख है तो सब्र कर, रोटी नहीं तो क्या हुआ। आजकल संसद में है जेरे-बहस ये मुद्दआ। शायर इसमें हुक्मरानों की खिल्ली उड़ा रहा है क्योंकि वह जानता है कि भूख सब्र नहीं जानती। इसके बावजूद हमारी व्यवस्था गरीबों का इम्तहान लेती रहती है। महज कुछ दिनों के अंतर पर ही झारखंड में भूख से तीन मौतें हुर्इं; उस राज्य में जो खनिज संसाधनों...
More »राजस्थानी भोजन का जवाब नहीं-- बाबा मायाराम
धापु बाई ने राजस्थानी में लोकगीत की ऐसी तान छेड़ी कि सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। यह गीत राजस्थान में पाए जाने वाले खेजड़ी वृक्ष पर था। इसकी लोग पूजा करते हैं। फलियों की सब्जी बनती है, जिसे सांगरी कहते हैं। पत्तियां जानवर चरते हैं। यह राजस्थान का राज्य वृक्ष भी है। इसी गीत से खाद्य विकल्प संगम की शुरूआत हुई। यह राजस्थान के बीकानेर के बज्जू में 6 से 9 अक्टूबर...
More »पटना : प्रदेश के कई जिलों में टीकाकरण की पहुंच 80 फीसदी से कम
पटना : टीकाकरण से छूटे बच्चों और माताओं को लेकर सरकारें गंभीर हैं. बाकायदा केंद्र सरकार ने विशेष अभियान चलाकर इन जिलों को कवर करने के निर्देश दिये हैं. इसी के लिये 'सघन मिशन इंद्रधनुष' अभियान राज्य में अगले माह से चलेगा. यह अभियान बिहार के 15 जिलों सहित पटना के शहरी क्षेत्र में नवंबर से चलेगा. दरअसल, अक्तूबर में शुरुआत करनी थी. परंतु बाढ़ को लेकर सरकारी मशीनरी...
More »बिहार और झारखंड की 60% महिलाओं में है खून की कमी
पटना : स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने में जुटी बिहार और झारखंड सरकार को थोड़ा और सक्रिय होना पड़ेगा. वजह यह है कि इन दोनों राज्यों की 60 प्रतिशत से अधिक महिलाएं खून की कमी से जूझ रही हैं. यह समस्या सिर्फ महिलाओं तक ही सीमित नहीं है. बच्चे भी इस समस्या में जकड़े हुए हैं. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-4 की रिपोर्ट की मानें तो बिहार में छह से...
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