-गांव कनेक्शन, "हम अगले 20 दिन क्या, 50 दिन भी यहीं रूक जाएं, लेकिन हमें खाने के लिए राशन-पानी तो मिले," लॉकडाउन बढ़ने के सवाल पर हेमंत पोद्दार कहते हैं। हेमंत (30 वर्ष) बिहार के कटिहार जिले के निवासी हैं और मुंबई के बांद्रा इलाके में रहकर निर्माण मजदूर का काम करते हैं। उनके साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लगभग 600 मजदूर उनके इलाके में रहते हैं, जिसका...
More »SEARCH RESULT
मजदूर दिवस: क्यों शासन पर भरोसा नहीं कर पाए प्रवासी मजदूर
-डाउन टू अर्थ, मूलरूप से बिहार के पूर्णिया जिले में रहने वाले सुरेश वर्मा आठ साल पहले बेहतर जिंदगी की तलाश में औद्योगिक नगरी फरीदाबाद आए थे। शुरू में उन्होंने एक फैक्ट्री में नौकरी की लेकिन चार साल पहले फैक्ट्री में छंटनी के कारण उनकी नौकरी चली गई। नौकरी छूटते ही उन्होंने पहले मजदूरी और फिर राजमिस्त्री का काम शुरू कर दिया। लॉकडाउन ने उनका यह काम भी छीन लिया। उनके...
More »लॉकडाउन में मनरेगा में काम शुरू, मगर अभी भी मुश्किलें तमाम
-गांव कनेक्शन, लॉकडाउन में मनरेगा में काम शुरू हो चुका है। सरकार ने ऐसे संकट के समय में ग्रामीण भारत के मजदूरों को 20 अप्रैल से मनरेगा में काम देने की मंजूरी देकर इनकी जिंदगी पटरी पर लाने की कोशिश की है, मगर एक हफ्ते बाद भी बड़ी संख्या में मजदूर काम मिलने की आस लगाये बैठे हैं। "कुछ जगह काम चल रहा है, मगर हमारे यहाँ अभी भी काम शुरू नहीं...
More »भय, आशंका और अफवाहों ने मिलकर रचा पालघर का हत्याकांड
-न्यूजलॉन्ड्री, "रात के 10:30 बजे थे. अचानक एक काले कपड़े पहने हुए, ऊंची कद-काठी के आदमी ने दरवाजा खोला, उसने अपना मुंह कपड़े से ढंक रखा था. वो तेज़ी से मेरी तरफ बढ़ा पर जब मैं चिल्लाई तो वो भाग गया." ये 34 वर्षीय रेणुका देशक का 12 अप्रैल की रात का विवरण है. रेणुका महाराष्ट्र में पालघर की दहानु तहसील के निकने गांव की निवासी हैं. वो कहती हैं कि मैं...
More »कोरोना लॉकडाउन: राहत शिविरों में रहने के बजाय पैदल ही निकले मज़दूर
-बीबीसी, छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के महीने भर बाद अब दूसरे राज्यों के मज़दूरों को राहत शिविरों में रखे जाने के बजाय उन्हें पैदल उनके घरों की ओर रवाना किया जा रहा है. हर दिन बड़ी संख्या में मज़दूर ओडिशा और महाराष्ट्र की सीमा से छत्तीसगढ़ में दाख़िल हो रहे हैं और पैदल ही अपने राज्यों के लिये रवाना हो रहे हैं. राहत शिविरों में रहने वाले मज़दूर भी अब अपने राज्यों की...
More »