वहां से निकलना आसान नहीं है और वहां रहना तो और भी मुश्किल. सरकारी कुनीतियों के चलते अलीराजपुर में कुछ टापुऑं पर दिन बिता रहे सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों की जिंदगी में उम्मीद को छोड़कर सब कुछ है. गरीबी, भूख, कुपोषण, बेरोजगारी और इन सबसे उपजी उनकी लाचारी की क्या कोई सुध लेगा? बृजेश सिंह की रिपोर्ट यह कहानी मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे गांवों की है जिनके रहवासी युद्ध...
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महाघोटाले की 'जमीन'- शिरीष खरे(तहलका)
किस तरह जयपुर में 1500 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन को प्रशासनिक अधिकारियों और बड़े रसूख वालों की आवासीय कॉलोनी में बदलने के लिए एक नहीं बल्कि दर्जनों नियम तोड़े गए. शिरीष खरे की रिपोर्ट जयपुर के पॉश इलाके से गुजरते हुए शहर को जोड़ने वाला सबसे महत्वपूर्ण मार्ग है जेएलएन मार्ग. यहां जमीनों के भाव आसमान छूते हैं. यहीं गुलाबी शहर के सबसे कीमती इलाके जवाहर सर्किल से सटी है...
More »स्विस बैंकों के प्रति भारतीय रुख- हरिवंश(प्रभात खबर)
आज अगर विदेशों में रखे भारतीय धन पर कोई बात हो रही है, तो इसका श्रेय पूरी तरह अन्ना और बाबा रामदेव के आंदोलनों को ही है. दो वर्ष पहले जर्मनी के एक द्वीप में भारत के धन रखे जाने की खबर जर्मन सरकार ने भारत सरकार को दी, पर खूब हो-हल्ला के बाद भी कुछ नहीं हुआ. देश का धन अगर बाहर रहता है और देश के लोग गरीबी...
More »गरीबों को दिया जा रहा घटिया चावल: सत्तापक्ष
भोपाल। विधानसभा में भाजपा विधायकों ने राशन की दुकानों से घटिया चावल देने का आरोप लगाया। ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए यह मामला भाजपा विधायक ठाकुरदास नागवंशी और गिरिजाशंकर शर्मा ने उठाया। उन्होंने कहा कि बीपीएल एवं अंत्योदय कार्डधारकों को अच्छी किस्म के क्रांति चावल की जगह दोयम दर्जे का चावल दिया जा रहा है। जबकि मप्र राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) की ओर से राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को अच्छी किस्म का...
More »असल संत की अंत कथा- आशीष खेतान और मनोज रावत
गंगा को लेकर संतों और खनन माफिया के बीच छिड़ी लड़ाई में उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने एक नहीं बल्कि बार-बार और खुल्लमखुल्ला खनन माफिया का साथ दिया है. स्वामी निगमानंद की मौत के पीछे का सच सामने लाती आशीष खेतान और मनोज रावत की विशेष पड़ताल बाबा रामदेव को ध्यान खींचने की कला आती थी. स्वामी निगमानंद के पास यह हुनर नहीं था. इसलिए एक ओर रामदेव विदेशों में जमा...
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