फ़रवरी 2008 में चतरा के नक्सल दृष्टि से सुपर सेंसिटिव गांवों में जाना हुआ. साथ के मित्रों के भय और आशंका के बीच, देर शाम तक घूमना हुआ. सूनी सड़कों पर मरघट की खामोशी के बीच. तब तक लिखा यह अनुभव भी छपा नहीं. पाठक पढ़ते समय ध्यान रखें यह फ़रवरी 2008 में लिखी गयी रपट है. कभी डालटनगंज-चतरा के इन इलाकों में खूब घूमना हुआ. समाजवादी चिंतक, अब बौद्ध अध्येता व...
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विस्थापन
खास बातें- दुनिया में सबसे ज्यादा बड़े बांध बनाने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। यहां अभी 3600 से ज्यादा बड़े बांधे हैं, जबकि 700 से ज्यादा अभी बनने की प्रक्रिया में हैं। भारत में बांधों की वजह से हुए विस्थापन के बारे में अलग अलग-अलग अनुमान हैं। दास और राव (1989) ने दावा किया कि भारत में बांध परियोजनाओं की वजह से दो करोड़ दस लाख लोग विस्थापित हुए। बड़े...
More »कैसे बनाएं आवास जब धन नहीं है मेरे पास
भागलपुर। जिले में आज भी हजारों गरीबों के आशियाने धन के अभाव में अधूरे पड़े हैं। यहां कुल लाभुकों में से एक चौथाई लोगों को ही अब तक इंदिरा आवास बनाने के लिए पहली किश्त की राशि मिल पाई है। हालांकि जिला प्रशासन ने सभी बीडीओ को 30 मई से पहले इंदिरा आवास के लाभुकों के बीच दूसरी किश्त की राशि बांटने का एलान किया है। लेकिन सभी लाभुकों को राशि मिल जाए, इसके आसार...
More »तमतमाई सोनिया, 24 घंटे में बांटे इंदिरा आवास
रायबरेली, जागरण संवाददाता। मंगलवार को जहां सूर्य की प्रचंड गर्मी से मौसम तप रहा था, वहीं ग्रामीणों की एक के बाद एक शिकायतों को सुनकर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी का चेहरा और भी तमतमाता जा रहा था। छीछेमऊ गांव की चौपाल में उन्होंने अधिकारियों से दो टूक लहजे में कहा कि 24 घंटे के भीतर हरहाल में इंदिरा आवासों का आवंटन सुनिश्चित हो जाना चाहिए। छीछेमऊ गांव में सांसद सोनिया गांधी ने दलित उर्मिला...
More »मनरेगा में करोड़ों का फर्जीवाड़ा
भोपाल। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (नरेगा ) जो अब महात्मा गाधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के नाम से जानी जाती है। इस योजना का उद्देश्य था कि क्षेत्र के मजदूरों को अपने ही गाव में काम मिले और वे पलायन नहीं कर सकें, लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से काम मशीनों द्वारा करा लिए जाते है, जिससे मजदूरों को काम नहीं मिल पाता। इस कारण गरीब परिवार काम के सिलसिले में...
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