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ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ खड़ा एक गांव-- पंकज चतुर्वेदी

एक छोटा-सा गांव, जिसकी आजीविका और अर्थव्यवस्था पर्यटन से चलती हो, उसने पर्यावरण के खतरे को महसूस किया। उसने मान लिया कि प्रकृति है, तभी उसका जीवन है, और इसके लिए जरूरी है कि जीवनशैली सुधारी जाए। यह है सिक्किम से 125 किलोमीटर दूर उत्तरी सिक्किम का गांव लाचेन। गांव ने तय किया है कि अब वहां न बोतल में बंद पानी आएगा, न प्लास्टिक या थर्मोकोल के डिस्पोजेबल बर्तन।...

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कचरे से जूझते हमारे शहर-- फिरोज वरुण गांधी

हमारे शहर संक्रामक रोगों के कब्जे में हैं। राजधानी दिल्ली तक इनसे नहीं बची है। डेंगू, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू, टायफायड, स्वाइन फ्लू जैसे तमाम रोग तेजी से फैल रहे हैं। मैं खुद पिछले दो वर्षों में चिकनगुनिया व स्वाइन फ्लू का शिकार बन चुका हूं। इन बीमारियों का फैलना कोई नई प्रवृत्ति भी नहीं है। 23 सितंबर, 1994 का दिन याद कीजिए। उस दिन सूरत के कई हिस्सों में न्यूमोनिक प्लेग...

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प्रदेश में रोज 5 हजार मीट्रिक टन कचरा, निष्पादन सिर्फ 14 प्रतिशत का

भोपाल। अमित देशमुख। केंद्र सरकार के स्वच्छता अभियान के स्टेटस रिपोर्ट में मध्यप्रदेश कई मामलों में पिछड़ रहा है। रिपोर्ट की जो बात सबसे ज्यादा हैरान करती है वह है प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान के दो साल होने के बाद भी मध्यप्रदेश में प्रतिदिन होने वाले 5079 मीट्रिक टन के निष्पादन का प्रतिशत महज 14 है। आधे वॉर्ड से ही उठ रहा है कचरा केंद्र सरकार द्वारा मई व जून 2015 में...

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साकार हो रहा है स्वच्छता का सपना - वेंकैया नायडू

महाराष्ट्र के वाशिम जिले में साईखेड़ा गांव की रहने वाली संगीता अहवाले ने अपने घर में शौचालय बनवाने के लिए अपना मंगलसूत्र तक बेच दिया। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्थित कोटाभारी गांव की 104 वर्षीय वृद्ध कुंवर बाई ने घर में शौचालय के निर्माण के लिए अपनी बकरियां बेच दीं। कोलारस ब्लॉक के गोपालपुरा गांव की आदिवासी दुल्हन प्रियंका अपनी ससुराल में शौचालय नहीं होने के चलते मायके लौट...

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अब हवा सांस लेने लायक नहीं

दुनियाभर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के खतरनाक प्रभाव का विश्लेषण करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए आपातकाल' की संज्ञा दी है. वायु प्रदूषण से बड़ी संख्या में मौताें और बीमारियों से सबसे प्रभावित विकासशील अर्थव्यवस्थाएं हैं, लेकिन विकसित देश भी इससे बेअसर नहीं हैं वैश्विक जनसंख्या का 90 प्रतिशत से अधिक भाग प्रदूषित हवा में सांस लेने के लिए अभिशप्त है. यह अच्छी...

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