डाउन टू अर्थ, 22 सितम्बर सात साल बाद खरीफ सीजन में खाद्यान्न के उत्पादन में गिरावट का अनुमान लगाया गया है। अनुमान है कि कुल खाद्यान्न में 4 प्रतिशत और चावल के उत्पादन में चावल के उत्पादन में 6 फीसदी की गिरावट का अनुमान है। 21 सितंबर 2022 को केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 के दौरान खाद्यान्न उत्पादन का पहला अनुमान जारी किया, जो केवल खरीफ सीजन के...
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यूक्रेन-रूस संघर्ष: गेहूं की कीमतों में हो सकती है 7.2 फीसदी की वृद्धि, बढ़ेगा उत्सर्जन
डाउन टू अर्थ, 20 सितम्बर कहते हैं कि युद्ध किसी के लिए फायदेमंद नहीं होता। ऐसा ही कुछ रूस-यूक्रेन के बीच जारी टकराव के कारण भी हो रहा है। अनुमान है कि इस संघर्ष का खामियाजा सारी मानव जाति को झेलना पड़ेगा। ऊपर से सूखा और जलवायु में आता बदलाव समस्याओं को भड़काने में आग में घी का काम कर रहा है। इस युद्ध के कृषि और खाद्य कीमतों पर पड़ते असर...
More »फूड बिजनेस को लेकर गौतम अडानी और मुकेश अंबानी आमने-सामने
जनसत्ता, 15 सितम्बर अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी विलमर लिमिटेड अपने फूड बिजनेस को तेजी से बढ़ाने के लिए एक बड़ा दांव खेलने जा रही है। कंपनी स्थानीय और ओवरसीज एक्विशन के लिए कंपनियों की तलाश कर रही है। दरअसल, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कुछ हफ्ते पहले ही अपने कंज्युमर गुड्स बिजनेस को लॉन्च करने की घोषणा की थी। रिलायंस इंडस्ट्रीज के इस ऐलान के बाद एशिया के सबसे अमीर...
More »देश में गेहूं के आयात की कोई योजना नहीं, पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध: केंद्र सरकार
दिप्रिंट, 21 अगस्त भारत सरकार ने रविवार को जानकारी दी कि वो गेहूं का आयात नहीं करने जा रही है. सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को भी खारिज किया जिसमें गेहूं के आयात की बात कही जा रही थी. भारत सरकार के खाद्य विभाग ने रविवार को स्पष्ट किया कि देश गेहूं का आयात करने नहीं जा रहा है. विभाग ने ट्विटर के जरिए बताया, ‘भारत में गेहूं के आयात की अभी...
More »2015 के बाद से शाकाहारी भारतीय थाली की कीमत में 42% का इजाफा, वह भी दही, चाय और फलों को शामिल किये बिना
दिप्रिंट ,18 अगस्त मुद्रास्फीति, विशेष रूप से खाद्य मुद्रास्फीति, न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर चर्चाओं के केंद्र में रही है. भारत में जून 2022 के मुद्रास्फीति के आंकड़ों में थोड़ी नरमी आने के बावजूद, खाद्य मुद्रास्फीति की दर इस वर्ष की शुरुआत से ही 6 से 8 प्रतिशत के असहज दायरे में बनी हुई है. अब सवाल यह है कि यह उच्च खाद्य मुद्रास्फीति (खाने-पीने की चीजों की...
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