हमारे शहर संक्रामक रोगों के कब्जे में हैं। राजधानी दिल्ली तक इनसे नहीं बची है। डेंगू, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू, टायफायड, स्वाइन फ्लू जैसे तमाम रोग तेजी से फैल रहे हैं। मैं खुद पिछले दो वर्षों में चिकनगुनिया व स्वाइन फ्लू का शिकार बन चुका हूं। इन बीमारियों का फैलना कोई नई प्रवृत्ति भी नहीं है। 23 सितंबर, 1994 का दिन याद कीजिए। उस दिन सूरत के कई हिस्सों में न्यूमोनिक प्लेग...
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जीडीपी बनाम भूख सूचकांक-- धर्मेन्द्रपाल सिंह
ताजा विश्व भूख सूचकांक या ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआइ) के अनुसार भारत की स्थिति अपने पड़ोसी मुल्क नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और चीन से बदतर है। यह सूचकांक हर साल अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आइएफपीआरआइ) जारी करता है, जिससे दुनिया के विभिन्न देशों में भूख और कुपोषण की स्थिति का अंदाजा लगता है। आज केवल इक्कीस देशों में हालात हमसे बुरे हैं। विकासशील देशों की बात जाने दें, हमारे देश...
More »क्यों डराता है डेंगू-- रोहित कौशिक
पिछले दिनों दिल्ली हाइकोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निकायों को राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू पर नियंत्रण के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डेंगू ने एक बार फिर अपने पैर पसार लिए हैं। कुल मिलाकर, देश में सैकड़ों लोग डेंगू की चपेट में हैं और अनेक काल के गाल में समा चुके हैं। हालांकि इस भयावह त्रासदी के बाद...
More »मर्दाना पर्सनल लॉ बोर्ड-- नासिरुद्दीन
एक बार फिर ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड सुर्खियों में है. और इतिहास गवाह है कि पर्सनल लॉ बोर्ड के सुर्खियों में आने की ज्यादातर एक ही वजह होती है. वह है, मुसलिम महिलाएं. एक बैठकी में तीन तलाक, भरण पोषण, मर्दों की एक साथ कई शादियां जैसी एकतरफा मर्दाना हकों के खिलाफ पिछले कुछ महीनों में महिलाओं की आवाज तेज हुई है. ये आवाजें सुप्रीम कोर्ट की चौखट...
More »खिल्ली तो पीएम की ही उड़ेगी!-- राजीव रंजन झा
यह आश्चर्यजनक है कि भारत अपनी प्रगति के जितने भी दावे करे, मगर इसके बहुत से कोने अब भी विकास की रोशनी से बहुत दूर हैं, अंधेरे में हैं. इन अंधेरों की जिम्मेवारी समूचे राजनीतिक नेतृत्व पर है. देश के 70वें स्वाधीनता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि आजादी के सात दशक बाद हाथरस के नगला फतेला गांव में बिजली पहुंच सकी,...
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