देश का 'अन्न का कटोरा' कहा जाने वाला पंजाब कई विरोधाभासों का सामना कर रहा है। जबसे हरित क्रांति की शुरुआत हुई, पंजाब ने साल दर साल रिकॉर्ड स्तर पर अतिरिक्त अनाज का उत्पादन किया, फिर भी यह वर्षों से किसान आत्महत्या के कारण कब्रगाह में तब्दील हो गया है। शायद ही कोई दिन ऐसा जाता होगा, जब पंजाब के अखबारों में किसान आत्महत्या की खबर न छपती हो। पंजाब राष्ट्रीय...
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फिर सूखे की ओर बुंदेलखंड-- पंकज चतुर्वेदी
बुंदेलखंड के गांवों के लोग पलायन कर रहे हैं- पानी की कमी के चलते। अगली बरसात दस महीने दूर है और बुंदेलखंड से जल संकट, पलायन और बेबसी की खबरें आने लगी हैं। वैसे मध्यप्रदेश के तेईस जिलों की एक सौ दस तहसीलों को राज्य सरकार ने सूखा प्रभावित घोषित कर दिया है, जिनमें बुंदेलखंड में आने वाले सभी जिले शामिल हैं। हालांकि इस घोषणा से सूखा प्रभावितों की दिक्कतों...
More »धुंध के लिए सिर्फ किसान जिम्मेवार नहीं-- संजीव पांडेय
पूरे उत्तर भारत को घनी धुंध ने घेर रखा है और इसने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। इसकी चपेट में पड़ोसी पाकिस्तान भी है। गांव के मुकाबले शहरों में रहने वालों की मुश्किलें ज्यादा बढ़ी हैं। सड़कों पर निकलना मुश्किल है। रेलगाड़ियां घंटों विलंब से चल रही हैं। दूसरी तरफ दिल्ली से उत्तर भारत के कई राज्यों की तरफ जाने वाली सड़कों पर कई बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी...
More »प्रदूषण की अर्थव्यवस्था के तर्क-- अनिल प्रकाश जोशी
एक बार फिर जर्मनी में पर्यावरण व जलवायु के मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत हो चुकी है। और फिर से ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा, जिससे यह कहा जा सके कि इस बार हम किसी बड़े निर्णय पर पहुंच पाएंगे। असली बाधा इसलिए है कि दुनिया को गरम होने से बचाने का मुद्दा दरअसल उद्योगों से जुड़ा हुआ है। अगर हम ‘ग्लोबल वार्मिंग' को रोकना चाहते हैं,...
More »पर्यावरण संरक्षण की मुश्किलें-- पंकज चतुर्वेदी
जिस तरह देश की आबादी बढ़ रही है, हरियाली और खेत कम हो रहे हैं, जल-स्रोतों का रीतापन बढ़ रहा है, हम हर दिन वनस्पति और जंतुओं की किसी न किसी प्रजाति को सदा के लिए खो रहे हैं, खेत और घर में जहरीले रसायनों का इस्तेमाल बढ़ रहा है, भीषण गरमी से जूझने में वातानुकूलित यंत्र और अन्य भौतिक सुखों की पूर्ति के लिए बिजली का इस्तेमाल बढ़ रहा...
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