आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा. देश में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनता ने ज़िम्मेदारी सौंपी थी. इस अध्याय को रचने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका रही है. ऐसे में आज का यह दिन मेरे लिए, अवसर है आपको नमन करने का, भारत और भारतीय लोकतन्त्र के प्रति आपकी इस निष्ठा को प्रणाम करने...
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कोरोना वायरस महामारी 2020 के अंत तक 8.6 करोड़ बच्चों को ग़रीबी में धकेल सकती है: रिपोर्ट
-द वायर, कोरोना वायरस महामारी से पैदा हुए आर्थिक संकट के कारण 2020 के अंत तक कम और मध्यम आय वाले देशों में गरीब घरों में रहने वाले बच्चों की संख्या 8.6 करोड़ तक बढ़ सकती है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार इस वायरस से पूरी दुनिया में 5,837,541 लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 360,919 लोगों की मौत हो चुकी है. यूनिसेफ और मानवतावादी संगठन ‘सेव द चिल्ड्रेन’ के संयुक्त अध्ययन में...
More »बूंद-बूंद पानी के लिए रातभर जागती हैं महिलाएं
-इंडिया वाटर पोर्टल, भारत का जल संकट किसी से छिपा नहीं है। हर साल गर्मियों के दौरान जल संकट का भयानक रूप सामने आता है। इस बार ऐसे समय में जल संकट गहराने लगा है, जब भारत सहित पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी से लड़ रही है। किसी इलाके में दो दिन में एक बार पानी की सप्लाई की जा रही है, तो कुछ इलाकों में दिन में एक बार ही नलों...
More »गैर सरकारी संगठनों द्वारा जारी रिपोर्ट: कोविड-19 लॉकडाउन ने ग्रामीण जनजीवन को किया बुरी तरह प्रभावित!
-विकासनवेश फाउंडेशन, सम्बोधी, प्रोफेशनल अस्सिटेंस फॉर डेवल्पमैंट एक्शन (PRADAN), BAIF डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन (BAIF), एक्शन फॉर सोशल एडवांसमेंट (ASA), SATHI-UP, आगा खान ग्रामीण सहायता कार्यक्रम (AKRSP), ग्रामीण सहारा और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन(TRIF) द्वारा जारी किया गया प्रेस नोट, दिनांक 13 मई, 2020 ग्रामीण क्षेत्र की गरीब आबादी पर COVID 19 और लॉकडाउन के प्रभाव का आकलन करने के लिए सबसे बड़े सर्वेक्षण को प्रमुख गैर सरकारी संगठनों द्वारा किया गया....
More »लॉकडाउन: बंगाल के बंद जूट मिलों के मज़दूरों ने कहा, हालत ख़राब है, राशन-पानी ख़त्म हो रहा है
-द वायर, ‘लॉकडाउन के कारण जूट मिल (चटकल) बंद होने से बहुत-बहुत मुश्किल में हैं… क्या बताएं आपको… अगले 10-15 दिन में हम लोग भुखमरी के कगार पर जाने वाले हैं.’ 45 साल के कृष्णा दास जब फोन पर ये बातें कहते हैं, तो वह बार-बार ‘बहुत’ शब्द पर जोर देकर लॉकडाउन के दौरान सामने आईं कठिनाइयों की भयावहता को महसूस कराना चाहते हैं. कृष्णा दास पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना...
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