-न्यूजक्लिक, उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले में योगी सरकार के निर्देश पर पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी, उनके पिता पूर्व एमएलसी राजेशपति त्रिपाठी और हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश गिरधर मालवीय समेत 42 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किए जाने के बाद पूर्वांचल की सियासत गरमा गई है। इन पर भारतीय दंड विधान की धारा-419, 420, 467, 468 और 471 के तहत धोखाधड़ी, बेईमानी और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप हैं। मिर्ज़ापुर के...
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तिहाड़ जेल से नताशा और देवांगना के उम्मीद और प्रतिरोध के खत
-कारवां, फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में एक साल पहले महिला अधिकार संगठन पिंजरा तोड़ की सदस्य नताशा नरवाल और देवांगना कलिता को गिरफ्तार किया गया था. हाल ही में दोनों को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. कलिता और नरवाल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में क्रमशः महिला अध्ययन और ऐतिहासिक अध्ययन केंद्रों में डॉक्टरेट की छात्राएं हैं. वे 2019 के नागरिकता (संशोधन) अधिनियम...
More »कभी न भूलें: कोविड-19 से बचे एक पीड़ित की अपील
-न्यूजक्लिक, नोबेल पुरस्कार विजेता और होलोकॉस्ट(हिटलर के नरसंहार) में बच गये एली विज़ेल ने कहा था,'तटस्थता पीड़ित को नहीं,बल्कि उत्पीड़क को मदद पहुंचाती है। मौन उत्पीड़ित को नहीं,बल्कि ज़ुल्म करने वालों को ही हमेशा प्रोत्साहित करता है।' इसी रौशनी में कोविड-19 के प्रकोप से बच गयी तान्या अग्रवाल हाल के इतिहास में किसी सरकार की सबसे बुरी व्यवस्थागत नाकामियों और ज़िम्मेदारियों की अनदेखी को कभी नहीं भूलने के सिलसिले में लिखती हैं। तान्या...
More »भारत समेत दुनियाभर के बेहतरीन दिमाग यह पता लगाने में जुटे कि कोरोनावायरस आखिर आया कहां से
-द प्रिंट, हम कोविड महामारी में वर्तमान स्थिति की व्याख्या कैसे करते हैं? बात को कुछ इस तरह रखें. अगर आप टीवी पर क्रिकेट मैच देखते होंगे तो आपने एक परफ्यूम का वह विज्ञापन भी देखा होगा जिसमें एक तूफान में एक नौजवान की कमीज उड़ जाती है और उसका गठीला बदन दिखने लगता है, एक लड़की उसके बदन पर भरपूर नज़र डालते हुए कहती है, ‘आपके कपड़े तो गए, लेकिन खुशबू...
More »नारी पूजक देश में सारी गालियां महिलाओं के नाम पर ही क्यों हैं?
-सत्यहिंदी, सोशल मीडिया पर दो तरह के लोग सक्रिय हैं। एक वे जो लिखते हैं और दूसरे जो बकते हैं। लिखने वाले लोग अच्छा भी लिखते हैं और बुरा भी। लेकिन बकने वाले लोग बस बकते हैं। और जो वे बकते हैं वे अपने से असहमत लोगों से बहुत ‘मधुरता’ से संवाद करते हैं। ऐसी मधुरता कि आप ‘सुन्न’ हो जाएं। यहां सबसे ज्यादा स्थान ‘मां और बहन’ को दिया जाता...
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