SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 172

पूंजी खर्च की कमी से आर्थिक सुस्ती-- भरत झुनझुनवाला

एनडीए सरकार को आसीन हुए लगभग तीन वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। विकास दर लगभग 7 प्रतिशत पर शिथिल रही है। आगामी बजट यह तय करेगा कि अगले दो वर्षों में विकास दर इसी प्रकार शिथिल बनी रहेगी अथवा गतिमान हो जायेगी। विकास प्रक्रिया निवेश आधारित होती है। जैसे रिक्शे वाला बचत करके उस रकम का निवेश आटो रिक्शा खरीदने में करे तो उसका आर्थिक विकास होता है। तुलना में...

More »

दोहरे प्रयासों से तेज होगा विकास - डॉ जयंतीलाल भंडारी

बीते सोमवार को जीएसटी कौंसिल की बैठक के बाद आगामी एक जुलाई से इस एकीकृत परोक्ष कर प्रणाली को लागू करने की बात कही गई है। चूंकि नोटबंदी के बाद सरकार देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाने की ओर अग्रसर है, ऐसे में एक जुलाई से जीएसटी की शुरुआत मददगार होगी। साथ ही जीएसटी की तिथि व दरें सुनिश्चित हो जाने के कारण आगामी बजट में अप्रत्यक्ष कर का अनुमान...

More »

नजरें अब अगले बजट पर रहेंगी-- आर. सुकुमार

अगले साल हमारी संसद में कामकाज कुछ जल्दी ही शुरू हो जाएगा। शीतकालीन सत्र के पूरी तरह बेकाम चले जाने व जीएसटी यानी वस्तु और सेवा कर को लागू करने की समय-सीमा टलने के खतरे को देखते हुए सरकार जनवरी के दूसरे सप्ताह से संसद का बजट सत्र बुला सकती है। आम बजट भी एक फरवरी को पेश किया जाएगा। मुझे आगामी बजट में लोक-लुभावन घोषणाओं की उम्मीद है। बीते...

More »

कुपोषण से कैसे लड़ सकते हैं-- रीतिका खेड़ा

हाल ही में जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2016 में 118 देशों की सूची में भारत को 97वें स्थान पर रखा गया है। हममें से जो लोग भारत में भूख और पोषण से संबंधित मुद्दों की उपेक्षा के लिए चिंतित रहते हैं, उनके लिए ये आंकड़े बड़ी खबर हैं, जिसने मीडिया का भी ध्यान खींचा है। कुपोषण एक ऐसी समस्या है, जो विभिन्न पीढ़ियों में पाई जाती है। एक कुपोषित मां द्वारा एक...

More »

सब्सिडी : कल्याण या राजनीति? मुफ्तखोरी के दुष्चक्र में फंसता देश

ज्यादातर देशों में एक ओर जहां राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए मुफ्तखोरी को हथियार बनाती हैं, वहीं इसी दुनिया में स्विटजरलैंड जैसा भी एक देश है, जहां की जनता ने सरकार की इस पेशकश को ठुकरा दिया. दूसरी तरफ भारत में देखें तो राजनीतिक पार्टियां और सरकारें मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्तखोरी को बढ़ावा देनेवाली नीतियों को प्रश्रय देती रहती हैं भारत जैसे कल्याणकारी राज्य में सब्सिडी एक जरूरी...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close