-न्यूजक्लिक, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कड़कड़डूमा उत्तर पूर्वी दिल्ली जिला अदालत के एएसजे विनोद यादव सहित 4 अतिरिक्त सत्र न्यायाधीशों (एएसजे) को स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया है, जिन्होंने पिछले एक साल में दिल्ली हिंसा से जुड़े कई मामलों को निपटाया था। संयोग से, मार्च 2021 के बाद से उनके कई आदेशों ने दिल्ली पुलिस के रवैये और दिल्ली हिंसा के मामलों में उनके द्वारा की जा रही जांच की...
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क्या हम भारतीय कृषि क्षेत्र में घटती किसानी आमदन के साक्षी हैं?
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के 77वें दौर के सर्वेक्षण पर आधारित 'ग्रामीण भारत में परिवारों की स्थिति का आकलन और परिवारों की भूमि जोत, 2019', हाल ही में जारी स्थिति आकलन सर्वेक्षण इस तथ्य को स्थापित करता है कि किसान परिवार अपनी आजीविका के लिए 'खेती-बाड़ी से शुद्ध आय' के बजाय मजदूरी पर अधिक से अधिक निर्भर हैं. मार्क्सवादी शब्दावली में, सर्वहाराकरण (एक शब्द जिसे हम निर्वासन के लिए शिथिल रूप से उपयोग कर सकते हैं) उस प्रक्रिया...
More »गाँधीवाद के सही पाठ का सवाल हमारी अस्तित्व-रक्षा से जुड़ा है!
-जनपथ, साम्प्रदायिक एकता गांधीजी के लिए महज एक आदर्श नहीं थी, वह उनकी आत्मा में रची बसी थी। साम्प्रदायिक सद्भाव तथा समरसता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की कल्पना इसी बात से की जा सकती है कि अपने जीवन के अंतिम वर्षों में वे साम्प्रदायिक हिंसा से आहत थे, व्यथित थे, राष्ट्रध्वज फहराने तथा राष्ट्र के नाम संदेश देने के अनिच्छुक थे और नोआखाली के ग्रामों की संकीर्ण गलियों में अपने प्राणों...
More »महामारी के दौरान हमारी सरकार और पुलिसिया बर्ताव
-न्यूजलॉन्ड्री, किसी बड़ी महामारी के बीत जाने के बाद, उससे जुड़े कुछ दृश्य और घटनाएं लोक-चेतना में स्थाई निवास बुन लेते हैं. कोरोना की दो लहरों के दौरान हुई मीडिया कवरेज में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी, जलती चिताएं, ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाने के लिए भागते लोग, स्वास्थ्य व्यवस्थाएं, लोगों के साथ पुलिसिया बर्ताव और सरकारी विज्ञापनों की तस्वीरों और खबरों ने हमारे जेहन में स्थाई जगहें बनाई. भविष्य में जब भी...
More »आधार की सीमाओं काे भुलाया जा रहा है, वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने पर फायदा होगा या नुकसान
-दैनिक भास्कर, चार साल पहले 24 अगस्त 2017 को और फिर 26 सितंबर 2018 को सर्वोच्च न्यायालय की 9 और 5 न्यायाधीशों की पीठ ने ऐतिहासिक निर्णय दिए। 2017 का निर्णय निजता के अधिकार पर था, जिस पर सवाल उठा था आधार के संदर्भ में। पांच जजों में से एक ने आधार को असंवैधानिक बताया, लेकिन बाकियों ने इसके इस्तेमाल की सीमाएं रेखांकित कीं। पिछले 3 सालों का अनुभव यह है...
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