-द वायर, पिछले साल नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया था कि बड़े संरचनात्मक सुधारों जैसे नोटबंदी और जीएसटी ने अर्थव्यवस्था और इसके विकास में गंभीर व्यवधान पैदा किया है, भले ही ऐसे सुधार लंबे समय में फायदेमंद होंगे. इससे पहले कि इन तबाही लाने वाले मशहूर सुधारों के कोई लाभ दिखाई देते, मोदी सरकार ने नए कृषि विधेयकों और श्रम कानूनों में बदलाव के रूप...
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किसानों के विरोध में किसी फैसले में एनडीए का भागीदार नहीं बनना चाहते, इसलिए दिया इस्तीफा: हरसिमरत कौर
-आउटलुक, लोकसभा में 14 सिंतबर को पेश किए गए कृषि अध्यादेशों के विरोध में उतरे एनडीए के प्रमुख घटक शिरोमणी अकाली दल(शिअद) ने इन अध्यादेशों को लेकर एनडीए से दूरी बना ली है। एनडीए सरकार में शिअद के कोटे से एक मात्र मंत्री हरसिमरत कौर के इस्तीफे से शिअद ने साफ संकेत देने की कोशिश की है कि पंजाब के किसानों के बीच अपनी सियासत को जिंदा रखना उसके लिए ज्यादा...
More »मानसून सत्रः बड़ा संकट, छोटी चर्चा
-इंडिया टूडे, बिहार जैसे महत्वपूर्ण राज्य में चुनाव के साथ 40 विधानसभा और लोकसभा उप-चुनाव होने हैं. इससे ठीक पहले केंद्र सरकार चरमराई अर्थव्यवस्था, चीन के अतिक्रमण, कोरोना की वजह से मजदूरों के पलायन, किसानों का आंदोलन, छात्रों की समस्या, फेसबुक हेट स्पीच मामला जैसे तमाम सियासी मुद्दों से घिरी हुई है. लेकिन सरकार संसद में इन मुद्दों पर कम से कम चर्चा की जुगत में लग गई है. मौजूदा सत्र...
More »बड़ी पड़ताल: उत्तराखंड में रिवर्स माइग्रेशन, कितना टिकाऊ?
-डाउन टू अर्थ, उत्तराखंड के प्रमुख पर्वतीय शहर पौड़ी से लगभग 15 किलोमीटर दूर गांव कठूड़ की स्यारियों (गदेरे यानी बरसाती नदी से लगते खेत) में विकास रावत और आलोक चारू अपने साथियों के साथ खेत में लगी सब्जियां तोड़ रहे हैं। कुछ ही देर में आसपास के गांव के लोग ये सब्जियां खरीदने आने वाले हैं। ये लोग पेशे से सब्जी किसान नहीं हैं। विकास कोरोना संक्रमण को रोकने के...
More »क्या हमें पता है कि बीते दो महीनों में हमारे यहां सांपों के काटने से 20 हजार लोग मर चुके हैं
-सत्याग्रह, कुछ बीमारियां तो मौसमी हैं जो खास समय और जलवायु में फैलती हैं. और कुछ कोविड-19 की तरह अचानक ही हमारे सामने आ जाती हैं. लेकिन क्या तमाम मौसमी बीमारियों और कोरोना महामारी के बीच किसी को इस बात की भी सुध है कि बीते दो महीनों में 20 हज़ार से ज्यादा लोग ‘सर्पदंश’ के शिकार होकर हमारे बीच नहीं हैं. पिछले पखवाड़े राजस्थान के बूंदी ज़िले की बालचंदपाड़ा तहसील में...
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