आजकल उनके खेत फूलों से लहलहा रहे हैं और आम के पौधों में फल लग रहे हैं। इसका श्रेय उन्होंने कड़ी मेहनत को दिया है। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद घर के आसपास पड़ी बंजर जमीन को खोदकर फूलों की खेती शुरू की। पानी के लिए 25 फुट गहरे कुएं का निर्माण कराया और इससे बंजर भूमि की सिंचाई शुरू की। बंजर भूमि को यदि जेसीबी से खुदवाते तो इसका बिल लाखों...
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किसान ने मेहनत से पाया मुकाम, 'संजीवनी' उगा किया चमत्कार!
शिमला.गलोड़.उपमंडल बड़सर के लोहारली निवासी पूर्व सैनिक रघुवीर सिंह ने लोगों के सामने स्वरोजगार की नई मिसाल कायम की है। आजकल उनके खेत फूलों से लहलहा रहे हैं और आम के पौधों में फल लग रहे हैं। इसका श्रेय उन्होंने कड़ी मेहनत को दिया है। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद घर के आसपास पड़ी बंजर जमीन को खोदकर फूलों की खेती शुरू की। पानी के लिए 25 फुट गहरे कुएं का निर्माण कराया...
More »शिक्षा के मंदिर, शोक की घंटियां- शुभम उपाध्याय
आईआईटी संस्थानों में बढ़ती आत्महत्याओं की खबरों के बीच इस समस्या के तमाम पहलुओं की पड़ताल करती शुभम उपाध्याय की रिपोर्ट हिंदुस्तान के पहले आईआईटी, आईआईटी खड़गपुर के 1956 में हुए पहले दीक्षांत समारोह में पंडित नेहरू ने कहा था, ‘यह हिंदुस्तान की एक उत्कृष्ट धरोहर है, जो हमारी उम्मीदों का प्रतिनिधित्व करेगी और हिंदुस्तान के भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी.’ मगर न तो आईआईटी संस्थानों की स्थापना में...
More »नोएडा एक्सटेंशन में दिन भर रहा टेंशन
ग्रेटर नोएडा। नोएडा एक्सटेंशन और भूमि अधिग्रहण मामले में रविवार का दिन आंदोलन के नाम रहा। इस दिन निवेशक से लेकर किसान व विभिन्न परियोजना में काम कर रहे ठेकेदार और मजदूरों ने अपने हक के लिए प्रदर्शन किया। इधर, किसानों ने नोएडा व ग्रेटर नोएडा में दो जगह पर महापंचायत कर आगे की रणनीति तैयार की। महापंचायत में लिए गए निर्णयों से साफ है कि आने वाला समय नोएडा एक्सटेंशन...
More »जन्म से बंधी सामाजिक बेड़ियां : हर्ष मंदर
लाखों महिलाएं, पुरुष और बच्चे आज भी उन अपमानजनक सामाजिक बेड़ियों में बंधे हुए हैं, जो उनके जन्म से ही उन पर लाद दी गई थीं। आधुनिकता की लहर के बावजूद आज भी भारत के दूरदराज के देहातों में जाति व्यवस्था जीवित है। यह वह व्यवस्था है, जो किसी व्यक्ति के जाति विशेष में जन्म लेने के आधार पर ही उसके कार्य की प्रकृति या उसके रोजगार का निर्धारण कर...
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