-द वायर, कोविड-19 महामारी के दौरान मानव तस्करी के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने विभिन्न राज्यों और मंत्रालयों को परामर्श जारी किए हैं. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. आयोग की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि मीडिया में आई कई खबरों के मुताबिक महामारी के दौरान मानव तस्करी की घटनाओं में वृद्धि हुई है. आयोग ने कहा कि देशभर में अभूतपूर्व स्थिति के...
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किसान आंदोलन को लेकर एनडीए में रार, हरियाणा में निर्दलीय ने छोड़ा साथ, दूसरे दलों ने दी चेतावनी
-आउटलुक, कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को लेकर एनडीए को लगातार सहयोगी दलों की आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है। सहयोगी दल केंद्र और सत्तारूढ़ भाजपा शासित राज्यों से नाता तोड़ने की धमकी दे रहे हैं। हरियाणा की गठबंधन की सरकार के सहयोगी निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने सत्ता से अपना गठबंधन तोड़ लिया है। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के अध्यक्ष अजय चौटाला ने कहा कि सरकार को इस...
More »मुद्दों को मुंह चिढ़ाते नतीजे
-आउटलुक, बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर हमें आश्चर्य होना चाहिए। इसलिए नहीं कि एग्जिट पोल के नतीजे देखकर हमने कुछ और उम्मीदें पाल ली थीं, इसलिए नहीं कि मीडिया में आने वाली ग्राउंड रिपोर्ट सत्तारूढ़ गठबंधन की विदाई का संकेत दे रही थीं, इसलिए नहीं कि नतीजे हमारी आशा के अनुरूप नहीं थे। हमें राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन की एक और विजय पर आश्चर्य इसलिए होना चाहिए चूंकि यह नतीजा इतिहास के इस...
More »महामारी के दौर में बहुआयामी गरीबी के चक्र में फंसे लोग, 3 से 10 साल तक पिछड़ सकते हैं विकासशील देश!
बहुआयामी गरीबी मौद्रिक यानी पैसे आधारित गरीबी नहीं है बल्कि यह गैर-मौद्रिक आधारित गरीबी है, जो सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की चुनौतियों से दृढ़ता से जुड़ी है. हालाँकि पहले गरीबी को केवल मौद्रिक यानी धन आधारित गरीबी के संदर्भ में ही परिभाषित किया गया था, लेकिन अब गरीबी को लोगों के अनुभवों की जीवंत वास्तविकता और उनके द्वारा भोगे जाने वाले अनेकों अभावों से जोड़कर देखा जाता...
More »कैसे पंचवर्षीय योजनाओं ने हिंदुस्तान की आर्थिक बुनियाद को टेढ़ा कर दिया
-सत्याग्रह, अब तक हमने जाना कि कैसे आजादी के बाद 1948 में राज्यों का एकीकरण हुआ - हैदराबाद, जूनागढ़ की ना-नुकर और कश्मीर का एक लड़ाई और कुछ शर्तों के साथ हिंदुस्तान में विलय. 1949 में आरबीआई का राष्ट्रीयकरण हुआ और 1950 में देश अपने नये संविधान के साथ गणतंत्र बना. देखा जाए तो इसके साथ देश का भौगोलिक और संवैधानिक ढांचा बनकर तैयार हो गया था. अब बारी थी आर्थिक...
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