महात्मा गांधी के विचारों और सोच के निर्माण में देश-विदेश के अनेक विचारकों, कवियों, लेखकों के साथ-साथ उनके अपने जीवनानुभवों का भी बहुत बड़ा हाथ रहा। इन जीवनानुभवों में अत्यंत महत्त्वपूर्ण रहा भारत में गांवों तथा किसानों के संबंध में उनके अनुभव। यह दीगर बात है कि उनके विचारों तथा कार्यों के मूल्यांकन के संदर्भ में इस पक्ष पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है। सर्वविदित है कि दक्षिण अफ्रीका...
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किसानों से अब भी दूर है फसल बीमा योजना-- के सी त्यागी
पिछले साल की तरह इस साल भी अप्रैल की बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं ने रबी की फसल व बागवानी को काफी नुकसान पहुंचाया। इस प्राकृतिक आपदा ने पहले से बदहाल किसानों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। उत्तर भारत में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य भारत में विदर्भ के किसान इससे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। अब लाखों किसान सरकारी कार्यालयों और बीमा कंपनियों के चक्कर काटने को...
More »लाभ-हानि के पलड़े पर यूबीआइ-- रीतिका खेड़ा
साल 2016-2017 के आर्थिक सर्वेक्षण के ठीक पहले वित्त मंत्रालय से छन कर आनेवाली खबरों में यूबीआइ के बारे में खूब चर्चा थी. यूबीआइ के दो मुख्य सिद्धांतों में एक तो इसकी सार्वभौमिकता है, ताकि सभी नागरिक इसके अंतर्गत आ सकें. और दूसरा, एक ‘बुनियादी आय' है, जिसके बल पर किसी अन्य उपार्जन के बगैर भी एक गरिमापूर्ण जीवन जीया जा सके. पर, इस दिशा में अब तक जिन विचारों...
More »बेड़ियों को तोड़ती मुस्लिम महिलाएं - नाइश हसन
मशहूर शायर फैज अहमद फैज ने अरसा पहले अपनी एक नज्म के जरिए औरतों को झकझोरने की कोशिश की थी। नज्म कुछ यूं है, 'बोल कि लब आजाद हैं तेरे, बोल जुबां अब तक तेरी है। उनकी इस नज्म ने महिलाओं पर गहरा असर डाला। यह नज्म जगह-जगह गुनगुनाई जाने लगी और अब इसका असर भी दिखने लगा है। यूं तो औरतों पर बंदिशों की कमी नहीं, लेकिन मुस्लिम समुदाय में...
More »शराबबंदी रोकने का बहाना-- आशुतोष चतुर्वेदी
शराब के कारण बढ़ रहे सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देकर हाइवे के 500 मीटर के दायरे में शराब बिक्री पर रोक लगा दी है. इसको लेकर हंगामा मच गया है, अजीब तरह के तर्क दिये जा रहे हैं कि इससे हजारों करोड़ों का नुकसान होगा, लेकिन लोगों की जान बचेगी, इस पर कोई कुछ नहीं बोल रहा. राज्य सरकारें राजमार्गों को सरकारी आदेश...
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