नई दिल्ली। भारत सरकार की एफडीआई गाइडलाइंस के तहत कोई भी होलसेल का कारोबार करने वाली कंपनियां सीधे तौर पर अपना माल उपभोक्ता को नहीं बेच सकती। इन कंपनियों को बिजनेस टू बिजनेस फॉर्मूले के तहत भारत सरकार ने 100% एफडीआई की अनुमति दी है। मतलब ये कंपनिया अपना माल ऐसे कारोबारियों को बेच सकती हैं, जो इसे आगे कंज्यूमर तक बेच सके। खुद उपभोक्ता इन कंपनियों से सीधे तौर पर...
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उदयपुर में प्रवासी व स्थानीय पक्षियों को बचाने में जुटे हैं ग्रामीण
उदयपुर : दक्षिणी राजस्थान के एक छोटे से गांव मेनार में ग्रामीण, पर्यावरण संरक्षण की एक नयी दास्तां लिख रहे हैं, जहां उन्होंने न केवल गांव के दो तालाबों में मछली पकड़ने पर रोक लगायी है, बल्कि उन्हें पूरी तरह पक्षियों के लिए संरक्षित किया गया है. मेनार गांव के सरपंच ओंकार मेनारिया ने बताया कि गांव के लोग हमेशा से पर्यावरण के साथ-साथ गांव के दो तालाबों को प्रवासी...
More »भूखे रहने को मजबूर क्यों अन्नदाता? - देविंदर शर्मा
पिछले लगातार तीन वर्षों से गेहूं की खेती करने वाले किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 रुपए प्रति क्विंटल की मामूली बढ़ोतरी पाते रहे हैं। यह गेहूं के किसानों को भुगतान किए जा रहे दामों में तकरीबन 3.6 फीसद की बढ़ोतरी को दर्शाता है। यदि इसकी तुलना सितंबर में केंद्रीय कर्मचारियों को दिए गए 7 फीसद अतिरिक्त महंगाई भत्ता से करें तो पता चलता है कि असंगठित क्षेत्र में किसानों...
More »पंजाब में आतंकवाद ने 13 साल में ली 26,000 जानें, सड़क हादसे ने 39,652
चंडीगढ़. एक जमाने का समृद्ध पंजाब 13 साल तक आतंक के अंगारों पर सुलगता रहा, आज सड़कों पर तड़पता हुआ दम तोड़ रहा है। 1982 से 1995 तक चले आतंकवाद के दौर में 26,000 जिंदगियां तबाह हुई थीं, अब इससे भी ज्यादा मौतें सड़क हादसों में हो रही हैं। पिछले 13 साल में 39,652 लोग हादसों में जान गंवा चुके हैं। यानी हर साल 13 हजार से ज्यादा लोग। ये...
More »सरकार और अदालत के दायरे - जगदीप धनकड़
यदि हाल के दिनों में मीडिया में आई खबरों और रिपोर्टों की मानें तो कहा जा सकता है कि न्यायिक सक्रियता अपने चरम पर है। मीडिया में अकसर इस आशय की खबरें छपती हैं कि अदालत ने फलां मामले में सरकार को आड़े हाथों लिया है या उसे लताड़ लगाई है। कई मामलों में तो अदालत ने विपक्षी दलों से भी ज्यादा सरकार की मुखालफत की है। कभी-कभी ऐसा भी...
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