नई दिल्ली। दीपावली के बाद पहली बार राजधानी धुंध की चादर से लिपटी नजर आई। विशेषज्ञ इस धुंध का प्रमुख कारण प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी और हवा की गति में कमी को मान रहे हैं। राजधानी की हवा में प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 तथा पीएम 10 का स्तर कम नहीं होने के कारण बुधवार को लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक परेशानी सुबह सैर के लिए...
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विकास भी चाहिए और रोजगार भी-- एन के सिंह
पिछला एक वर्ष भारत के लिए उथल-पुथल भरा रहा है। अपनी संप्रभुता, सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ राष्ट्रवाद की आक्रामक अभिव्यक्तियों से उसे जूझना पड़ा है। वहीं, इस क्षेत्र की भू-राजनीति अब भी अनिश्चित और अस्थिर बनी हुई है। चीन की विकास दर घट रही है, लिहाजा अपने आर्थिक रसूख को कायम रखने के लिए वह नए-नए तरीके अपना रहा है। दक्षिण चीन सागर विवाद पर ट्रिब्यूनल के फैसले को...
More »जुगाड़ का मोहताज न बने लोकतंत्र - मृणाल पांडे
क्या इसे महज एक संयोग माना जाए कि देश की तकरीबन हर पार्टी और राजनीति में आकंठ निमग्न शीर्ष नेता के कुटुंबों के भीतर और पार्टी के असंतुष्टों के बीच की भीषण तनावमय टूट इन दिनों शर्मनाक झगड़ों में तब्दील हो-होकर चौरस्तों पर बिखर रही है? एक न एक दिन तो यह होना ही था। वजह यह कि गए कई दशकों में जवान होता लोकतंत्र हमारे बीच राजनीति से अर्थनीति...
More »कारोबारी सुगमता पर विश्व बैंक की रिपोर्ट में भारत 130वें स्थान पर
नई दिल्ली। कारोबारी सुगमता को लेकर विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में भी भारत पिछले साल की तरह 130वें स्थान पर बना हुआ है। रिपोर्ट पर नाखुशी व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार का कहना है कि इसे तैयार में उसके शुरू किए दर्जनभर सुधारों को शामिल नहीं किया गया। विश्व बैंक की इस रिपोर्ट में 190 अर्थव्यवस्थाओं का विभिन्न मानकों पर मूल्यांकन किया है। हालांकि, भारत की पिछले साल की रैंकिंग...
More »ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ खड़ा एक गांव-- पंकज चतुर्वेदी
एक छोटा-सा गांव, जिसकी आजीविका और अर्थव्यवस्था पर्यटन से चलती हो, उसने पर्यावरण के खतरे को महसूस किया। उसने मान लिया कि प्रकृति है, तभी उसका जीवन है, और इसके लिए जरूरी है कि जीवनशैली सुधारी जाए। यह है सिक्किम से 125 किलोमीटर दूर उत्तरी सिक्किम का गांव लाचेन। गांव ने तय किया है कि अब वहां न बोतल में बंद पानी आएगा, न प्लास्टिक या थर्मोकोल के डिस्पोजेबल बर्तन।...
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