पंचायती राज व्यवस्था स्थानीय स्वशासन का एक विशिष्ट स्वरूप है। हमारे यहां पंच-परमेश्वर की अवधारणा रही है और हमारी संस्कृति में इसकी जड़ें काफी गहरी हैं। औपनिवेशिक शासन ने हालांकि इस पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला। लेकिन स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद संविधान (73वां संशोधन) अधिनियम 1992 के लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से सामाजिक-आर्थिक विकास की जमीन तैयार हुई। 24 अप्रैल को यह ऐतिहासिक संविधान संशोधन लागू हुआ...
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जल्द मिले सस्ती औषधि की सौगात - डॉ एके अरुण
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया कि ऐसा कानूनी ढांचा तैयार किया जाएगा जिसके तहत चिकित्सकों को उपचार के लिए महंगी ब्रांडेड दवाओं की जगह जेनेरिक दवाएं (जो मूल दवा है और सस्ती होती है) ही लिखनी होंगी। उल्लेखनीय है कि बेहद महंगी दरों पर मिलने वाली ब्रांडेड दवाएं मरीजों और उनके तीमारदारों की जेब पर इतनी भारी पड़ती हैं कि अधिकांश तो पर्याप्त मात्रा में दवाएं...
More »अवैध रेत खनन का विरोध कर रहे किसानों को ट्रक ने कुचला, 20 की मौत
तिरुपति। यहां से 20 किलोमीटर दूर यरपेडु गांव में पुलिस स्टेशन के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ भयानक हादसा हो गया है। उन्हें तेज रफ्तार ट्रक ने कुचल दिया, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई और 15 से अधिक किसान घायल हैं। तिरुपति अर्बन की एसपी विजयलक्ष्मी ने कहा कि मुंनगापालम गांव के करीब 100 किसान और ग्रामीण अवैध रेत खनन के खिलाफ धरना दे रहे थे।...
More »मनमानी की दवा और मरीज-- पीयूष द्विवेदी
सरकार अगर जेनेरिक दवाओं के लिए कोई कानून लाती है, तो कुछ ऐसे प्रावधान किए जाने चाहिए। जो भी दवा जेनेरिक हो, उस पर मोटे अक्षरों में जेनेरिक लिखा रहे। डॉक्टर अबूझ लिखावट के बजाय साफ-साफ लिखें जिसे मरीज भी पढ़ सकें। यदि किसी बीमारी की जेनेरिक दवा होते हुए भी डॉक्टर गैर-जेनेरिक दवा लिखते हैं, तो उसका कारण स्पष्ट करें। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के जरिये देश के सभी तबकों के...
More »शहरी गरीबों को आवास देने का काम मप्र में बेहद सुस्त
भोपाल। शहरी गरीबों और झुग्गी बस्तियों में रहने वालों को मकान देने की केंद्र सरकार की विभिन्न् योजनाओं का काम मध्यप्रदेश में बेहद सुस्त गति से चल रहा है। आलम यह है कि तीन योजनाओं में पिछले तीन साल में प्रदेश में सिर्फ 18 हजार मकान बने हैं, जबकि अन्य राज्यों में यह संख्या पचास हजार तक पहुंच चुकी है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2022 तक पूरे देश...
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