प्रदेश में गेहूं-धान के फसली चक्र को तोड़ने के लिए दालों की काश्त अहम भूमिका निभा रही है। किसानों का रुझान प्रतिदिन दालों की काश्त की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश में दालों की खेती के तहत 80 फीसदी के करीब रकबा बढ़ने की संभावना है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक दालों की बिजाई के लिए जुलाई के शुरुआती दिन फायदेमंद हैं। मांह दाल की किस्में मांह-114, मांह-1-1 व मांह-338 बीजना...
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पहाडी राज्य को आर्थिक विकास की सीढी चढायेगा आंवला
देहरादून : मस्तिष्क को शीतलता प्रदान करने वाला तथा शारीरिक शक्ति का स्रोत तमाम औषधीय गुणों से युक्त ‘‘आंवला’’ अब पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में न केवल किसानों बल्कि इसके उत्पाद से जुडे व्यापारियों को भी आर्थिक विकास की सीढियां चढाने में कारगर साबित होगा. राज्य औषधि पादप बोर्ड के उपाध्यक्ष डा आदित्य कुमार ने बताया कि उत्तराखंड में वर्तमान में आंवले की खेती समुद्रतल से करीब 4500 फ़ुट की उंचाई तक की जा...
More »केंद्र सरकार से नहीं मिल रहा पर्याप्त खाद
रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के केबिनेट बैठक में आज प्रदेश में खाद और बीज की कमी पर चर्चा हुई। मानसून सीजन आने के साथ डीएपी खाद की भारी कमी हो गई है। राज्य ने जितनी मात्रा में खाद मांगा था, उसका केवल आधा आबंटित किया गया है। इसमें भी कटौती की जा रही है। आबंटन का केवल 30 प्रतिशत खाद प्रदेश को दिया जा रहा है। कैबिनेट बैठक के बाद कृषि मंत्री...
More »टीम अन्ना भी गई नेताओं की शरण में, समर्थन के लिए आडवाणी से मुलाकात
नई दिल्ली. भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए असरदार लोकपाल विधेयक लाने की मांग कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की टीम ने इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों से मुलाकात शुरू कर दी है। शुक्रवार को इस सिलसिले की शुरुआत करते हुए टीम अन्ना के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल, किरन बेदी और मनीष सिसोदिया ने देश की मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात...
More »लोकपाल विधेयक-- 15 नहीं 16 अगस्त का इंतजार- पु्ण्य प्रसून वाजपेयी
जन लोकपाल अगर सरकारी लोकपाल नहीं हो सकता और सरकारी लोकपाल का मतलब अगर भ्रष्टाचार का लाइसेंस सरकार के ही पास रखनेवाला है, तो फ़िर अन्ना हजारे का आंदोलन भी अब महज भ्रष्टाचार के खिलाफ़ मुनादीवाला नहीं हो सकता. क्योंकि सिविल सोसाइटी के लिए जो मुद्दे भ्रष्टाचार के घेरे में आते हैं, सरकार के लिए वह संसदीय व्यवस्था का तंत्र है. शायद इसीलिए पहली बार लोकतंत्र के तीनों पाये चेक एंड बैलेंस...
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