अवसाद और तनाव की सौगात देने वाली हमारी शिक्षा व्यवस्था अब वाकई चिंतनीय हालात पैदा कर रही है। इस बाबत हाल ही में संसद में सरकार द्वारा पेश किये गए आंकड़े डराने वाले हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल 8 हजार से ज्यादा छात्र आत्महत्या कर लेते हैं। इतना ही नहीं, सफलता और आगे बढ़ने की ललक और दबाव इतना है कि मनपसंद नौकरी या पेशा न...
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कड़े कानून के साथ सुधार पर हो जोर - क्षमा शर्मा
जिस वक्त जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में संशोधन की बहस राज्यसभा में चल रही थी, उस समय निर्भया के माता-पिता भी दर्शक दीर्घा में बैठे थे। राज्यसभा में यह बिल छह महीने से लटका था, लेकिन जैसे ही इस किशोर अपराधी के छूटने की खबरें आने लगीं, मीडिया, गैरसरकारी संगठनों और राजनीतिक दलों के लोग इस किशोर के सुधारगृह से बाहर आने, न आने पर बहस करने लगे। बहस का मूल...
More »16 बेमिसाल गांवः तस्वीर और तकदीर बदली इन गांवों ने
असली भारत गांव में बसता है। देश और दुनिया में भले ही चांद पर जाने की बात हो लेकिन गांव का महत्व आज भी कायम है। पेश है देश के 16 ऐसे अनोखे गांव की कहानी जो इस दौर में भी मिसाल बने हुए हैं। कहीं किसी एक ही गांव ने देश को दिए है 47 आईएएस अधिकारी तो कोई गांव पूरी दुनिया को साम्प्रदायिक सौहार्द का पाठ पढ़ा रहा...
More »छिंदवाड़ा : किसान ने तीन बच्चों के साथ अपना गला काटा
छिंदवाड़ा (ब्यूरो)। रविवार की सुबह जुन्नारदेव थाना क्षेत्र के उमरगोड़ गांव में कर्ज और पत्नी की मौत से परेशान एक आदिवासी किसान ने धारदार हथियार से अपने तीन मासूम बेटों सहित स्वयं का गला काट लिया। श्वांस नली कटने से एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि गंभीर हालत में दो बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरोपी पिता के गले में मामूली जख्म है, जिसे पुलिस...
More »मजबूरी ने थमा दी जूठी प्लेट, होटलों व गैराजों में दम तोड़ रहा बचपन
सासाराम (ग्रामीण) : जिन हाथों में कलम होना चाहिए था, उन बच्चों को लाचारी ने हथौड़ा व जुटी प्लेट थमा दी. यही नहीं, कड़ी मेहनत के बावजूद नन्हें हाथों को दो जून की रोटी भी नहीं मिल पाती है. कर्ज के बोझ तले दबे माता-पिता ने इन बच्चों को पढ़ाने के बजाये भुखमरी से निबटने के लिए होटल चलाने वालों के हवाले अपने नन्हें बच्चों की जिंदगी कर देते...
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