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बंजर होते हिमालय की सुध- अनिल प्रकाश जोशी

हिमालय क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में आई त्रासदियां कई मौंजू सवाल खड़े कर रही हैं। उत्तराखंड का ही उदाहरण लीजिए। इस राज्य ने पिछले चार वर्षों में बहुत कुछ झेला है। करोड़ों रुपये की संपत्तियों का नुकसान और हजारों जानों का खो जाना क्या कोई सामान्य मुद्दा है? इन घटनाओं ने देश-दुनिया को झकझोरा। मगर जल्दी ही बिना दवा के ही घाव भर गए और फिर नए सिरे से...

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अच्छी सेहत से दूर होती आबादी- के सी त्यागी

नीति आयोग ने हाल ही में सार्वजनिक चिकित्सा क्षेत्र के खर्चे में कटौती करने को कहा है। आयोग ने इस क्षेत्र में हो रहे निवेश पर काबू पाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा के तहत लोगों को नि:शुल्क मिल रही दवाइयों व अन्य सेवाओं को नियंत्रित करने की भी अनुशंसा की है। इसके अलावा आयोग स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के निवेशकों तथा बीमा कंपनियों को मुख्य भूमिका में लाने...

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'सरदार सरोवर बांध विस्थापन व पुनर्निर्माण में घोटाला है व्यापमं पार्ट टू'

भोपाल। नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर ने आरोप लगाया कि सरदार सरोवर बांध परियोजना के विस्थापन और पुनर्निमार्ण में बड़ा घोटाला हुआ है और यह व्यापमं पार्ट टू है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के कई गांव डूब रहे हैं और हजारों लोगों को नुकसान हो रहा है लेकिन राज्य सरकार पीएम नरेंद्र मोदी की वजह से इसका विरोध नहीं कर रहे हैं। मेधा पाटकर ने कहा कि परियोजना के डूब...

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कृषि पर मंडराते संकट से निबटें- भरत झुनझुनवाला

प्रशांत महासागर के द्वीपीय राज्यों के प्रमुखों से वार्ता करने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लोबल वार्मिंग के प्रति भारत की गंभीरता का आश्वासन दिया. ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमालय एवं अंटार्कटिका में जमे हुए ग्लेशियर के पिघलने का अनुमान है. इस पानी के कारण समुद्र का जलस्तर बढ़ेगा और कई द्वीप जलमग्न हो सकते हैं. मोदी की आगामी अमेरिकी यात्रा में भी ग्लोबल वार्मिंग पर अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा से...

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ताकि फिर न हो मैगी जैसी घटना- प्रदीप एस मेहता

मैगी से जुड़े हाल के विवाद ने बहुतों को गहरी नींद से जगा दिया है। इसके बाद सिर्फ मैगी या नेस्ले की छवि खराब नहीं हुई है, बल्कि फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड ऐक्ट, 2006 (एफएसएसए) और विनियंत्रक फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) की छवि भी दांव पर है। वैसे तो असंगठित पैकेज्ड और गैर पैकेज्ड खाद्य उत्पादों के प्रति उपभोक्ता हमेशा ही सशंकित रहते हैं, पर हाल...

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