भोपाल. क्या महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) वास्तव में 100 दिन की रोजगार गारंटी सुनिश्चित करता है? कम से कम प्रदेश में तो बिल्कुल नहीं। यह खुलासा राज्य योजना आयोग के एक ताजा अध्ययन से हुआ है। इस अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में केवल एक फीसदी परिवारों को ही पूरे 100 दिन का रोजगार नसीब हो पाया है। औसतन देखें तो एक साल में एक परिवार को 32 दिन...
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मिड डे मील: राज्य में लागू नहीं हो सका सेंट्रलाइज कुकिंग सिस्टम
रांची. सरकारी स्कूलों के लिए मिड डे मील एक जगह बने, भोजन में गुणवत्ता हो, साफ सफाई का ध्यान रहे और सभी स्टूडेंट को एक ही समय पर भोजन मिले, इसके लिए मानव संसाधन विकास विभाग ने सेंट्रलाइज कुकिंग सिस्टम लागू करने पर वर्ष 2009 में विचार किया था। अगर यह सिस्टम लागू होता तो मिड डे मील से शिक्षकों को निजात मिल जाती। इतना ही नहीं छात्रों को गुणवत्तापूर्ण भोजन...
More »शिक्षा क्षेत्र पर नहीं उमड़ा प्यार
रांची. राज्य सरकार शिक्षा पर 1200 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसमें से सिर्फ प्राथमिक शिक्षा पर 924.75 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सभी को शिक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत 675 करोड़ रुपये कर्णाकित किए गए हैं। मिड डे मिल पर 196 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राज्य के 44055 स्कूलों में पढ़नेवाले करीब 40 लाख छात्रों को मध्याह्न् भोजन मिलेगा। वर्ग एक से आठ तक के सभी छात्रों...
More »छत्तीसगढ़: उधार का राशन खा रहे प्रदेश के कैदी : मोहम्मद निजाम
रायपुर.सरकार ने राज्य के बंदियों को भोजन के लिए पिछले साल जितना बजट दिया था, महंगाई बढ़ जाने के कारण वह अक्टूबर में ही खत्म हो गया। उसके बाद से राजधानी सहित राज्य की सभी जेलों में दाल-चावल, तेल और घी के साथ चाय-पत्ती शक्कर यहां तक कि सब्जी भी उधार के बूते लिया जा रहा है। जेल विभाग अक्टूबर से अब तक तीन मर्तबा शासन से अतिरिक्त बजट मांग चुका है। इसी...
More »मिड-डे-मील में काजू और बादाम
नेरचौक। मिड-डे-मिल योजना में जहां अधिकतर स्कूल कम बजट का रोना रोते रहते हैं। वहीं, शिक्षकों के कुशल प्रबंधन से मात्र दो रुपए 29 पैसे प्रति छात्र के बजट में नेरचौक के डडोह स्कूल में बच्चों को काजू-बादाम भी खिलाए जा रहे हैं। इसके अलावा उन्हें किशमिश, गरी, पनीरयुक्त सब्जियां भी दी जा रही हैं। बल्ह ब्लाक के तहत आने वाले प्राइमरी स्कूल डडोह में शिक्षकों ने मिसाल पेश की है। सितंबर 2004...
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