वैज्ञानिकों में भ्रम है कि हम उन्नत तकनीक की बात कर रहे हैं, तो पूर्व की परिस्थिति में ही सिर्फ निचली व मध्यम भूमि की उपयोगिता से काम चल जायेगा. लेकिन नयी परिस्थितियों में ऊपरी भूमि का उपयोग बढ़ाना जरूरी है. वहां ऐसी फसलें लगाने की जरूरत है जो कम पानी में और जल्दी तैयार हो जायें. जैसे मकई, मडुवा व 100 दिनों में तैयार होने वाला धान. मध्यम व निचली...
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जनसंख्या के बढ़ते बोझ को भोजन उपलब्ध कराने ऊपरी व शुष्क भूमि की उपयोगिता बढ़ाना है जरूरी
वैज्ञानिकों में भ्रम है कि हम उन्नत तकनीक की बात कर रहे हैं, तो पूर्व की परिस्थिति में ही सिर्फ निचली व मध्यम भूमि की उपयोगिता से काम चल जायेगा. लेकिन नयी परिस्थितियों में ऊपरी भूमि का उपयोग बढ़ाना जरूरी है. वहां ऐसी फसलें लगाने की जरूरत है जो कम पानी में और जल्दी तैयार हो जायें. जैसे मकई, मडुवा व 100 दिनों में तैयार होने वाला धान. मध्यम व निचली...
More »खराब मानसून में छिपे डर - अनिल पद्मनाभन
इस साल मानसून का जो हाल है, वह बहुत डराने वाला है। इससे गुजरे छह हफ्ते से जो अनिश्चितता पैदा हुई है, वह एक बुरी आशंका की ओर इशारा कर रही है। कुदरत के संकेतों को समझते हुए कुछ यह दावा कर सकते हैं कि भारतीय मौसम विभाग की औसत मानसून की भविष्यवाणी सही साबित होगी। लेकिन क्या यही सच है? अभी तक मानसून का जो हाल है, वह...
More »जिलों में 20 % से भी कम बारिश
पटना : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और कैबिनेट मंत्रियों ने शुक्रवार की शाम राज्य में सूखे की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली. बैठक में उन्हें बताया गया कि राज्य के 23 जिलों में 20 प्रतिशत से कम बारिश हुई है. इनमें पांच ऐसे जिले हैं, जहां अब तक 50 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है. यह भी बताया गया कि केंद्रीय प्रावधान के अनुसार 15 अगस्त तक जिलों में...
More »जर्मन कंपनी बी़ ब्रॉन बिहार में खोलेगी 24 डायलिसिस क्लीनिक
पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरो। देश में किडनी की बीमारी से हर साल लगभग दो लाख लोगों की मौत होती है। बिहार में लगभग 10 हजार लोग इस बीमारी से पीडि़त हैं। इसका इलाज शहर के चुनिंदा अस्पतालों में ही उपलब्ध है। जर्मनी की कंपनी बी़ ब्रॉन पूरे बिहार में राज्य सरकार के साथ सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) के तहत मेडिकल काॠलेज अस्पतालों और जिला अस्पतालों में 24 डायलिसिस क्लीनिक बनाएगी और...
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