SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 3291

पहली तिमाही में पांच फीसदी जीडीपी वृद्धि दर चौंकाने वाली: आरबीआई गवर्नर

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि आर्थिक वृद्धि दर कम होकर पांच प्रतिशत रहना ‘हैरत में डालने' वाला है. हालांकि, उन्होंने भरोसा जताया कि सरकार द्वारा हाल में उठाये गये कदमों से अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीने से अर्थव्यवस्था में सुस्ती दिखाई दे रही है, उसमें तेजी लाने के लिये केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में कटौती कर रहा...

More »

रैंकिंग में और पिछड़ी उच्च शिक्षा -- हरिवंश चतुर्वेदी

भारत सरकार द्वारा देश के विश्वविद्यालयों को स्पद्र्धा-योग्य बनाने के प्रयासों को ब्रिटेन की ‘टाइम्स हायर एजुकेशन' द्वारा घोषित 2020 की विश्वविद्यालय रैंकिंग सूची से धक्का लगा है। पिछले एक दशक से मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे थे, ताकि भारत के नामचीन विश्वविद्यालय शीर्ष स्तर पर जगह बना सकें। पिछले साल लागू की गई इंस्टीट्यूट ऑफ एमीनेंस (आईओई) नामक बहुचर्चित योजना का तो यह प्रमुख लक्ष्य...

More »

‘जम्मू कश्मीर की मीडिया को खुद नहीं पता कि राज्य में क्या हो रहा है’

केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रपति के आदेश से 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने से एक दिन पहले 4 अगस्त से ही राज्य में मोबाइल, लैंडलाइन और इंटरनेट सहित संचार के सभी संसाधनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसके पहले वहां भारी संख्या में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भी तैनात कर दिया गया था. संचार माध्यमों पर रोक...

More »

बाधाएं बहुत, पर आगे बढ़े हैं लोग-- श्रीनाथ राघवन

जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नए युग की शुरुआत हो चुकी है। वैसे जम्मू-कश्मीर के इतिहास में यह कोशिश इतनी नई भी नहीं है। इंदिरा गांधी भी कश्मीर में यथास्थिति बदलना चाहती थीं। इस राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करने के निर्णय को सही ठहराते हुए मोदी सरकार ने नई व्यवस्था के तहत कश्मीर...

More »

कश्मीर का मन मरघट बन गया है…-- कुमार प्रशांत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधे घंटे से कुछ ज्यादा ही समय तक राष्ट्र को संबोधित किया लेकिन देश यह समझने में असफल रहा कि वे किसे और क्यों संबोधित कर रहे थे. यदि उनके संबोधन का सार ही कहना हो तो कहा जा सकता है कि वे कश्मीरियों के बहाने देश को अपने उस कदम का औचित्य बता रहे थे जिसे वे खुद भी जानते नहीं हैं. वे ऐसा सपना बेचने...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close