कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि मानसून की स्थिति में सुधार हुआ है तथा आने वाले दिनों में बेहतर बरसात होने की उम्मीद है जो बुवाई को पूरा करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी राज्य ने सूखा घोषित नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हालांकि जो भी राज्य सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए मदद मांगेगा, केन्द्र सरकार उन राज्यों को मदद करने के...
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खराब मानसून में छिपे डर - अनिल पद्मनाभन
इस साल मानसून का जो हाल है, वह बहुत डराने वाला है। इससे गुजरे छह हफ्ते से जो अनिश्चितता पैदा हुई है, वह एक बुरी आशंका की ओर इशारा कर रही है। कुदरत के संकेतों को समझते हुए कुछ यह दावा कर सकते हैं कि भारतीय मौसम विभाग की औसत मानसून की भविष्यवाणी सही साबित होगी। लेकिन क्या यही सच है? अभी तक मानसून का जो हाल है, वह...
More »पहले थी सूखे की आशंका, अब किसान चाह रहे बारिश पर ब्रेक
रायपुर। जून में बारिश की कमी ने सूखे की आशंका बढ़ा दी थी, लेकिन जुलाई की बारिश ने इस आशंका को न सिर्फ खत्म कर दिया है, बल्कि अब किसान बारिश में ब्रेक चाहते हैं। अब आलम यह है कि खेतों में पानी भरा हुआ है और किसान पानी निकाल नहीं पा रहे। मौसम और कृषि विभाग का कहना है कि अब कम से कम एक हफ्ते बारिश...
More »केंद्र मनरेगा की राशि देने में कर रहा आनाकानी
रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो। पैसे की कमी के कारण जिलों में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को भुगतान नहीं हो पा रहा है। केंद्र सरकार से राज्य को मनरेगा मद में 1500 करोड़ रुपये चाहिए। केंद्र यह राशि समय पर उपलब्ध नहीं करा रहा है। राज्य सरकार ने केंद्र से मनरेगा की बाकी बची राशि जारी करने का आग्रह किया है। केंद्र सरकार ने मई माह तक 276 करोड़ रुपये...
More »कमजोर मानसून की कीमत चुकाती खेती- सुरुचि भड़वाल
अपने देश में मानसून की शुरुआत पश्चिमी और उत्तरी समुद्री तट से जून के महीने में होती है, फिर बारिश धीरे-धीरे देश के दूसरे हिस्सों में पहुंचती है। यह पूरी प्रक्रिया चार महीनों की होती है, और इस दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में 80 फीसदी से अधिक बारिश होती है। लेकिन चूंकि सभी जगह कम दबाव का क्षेत्र एक समान नहीं बनता, इसलिए सब जगह बारिश भी एक जैसी नहीं...
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