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कोरोना के क़हर में जीवन और मौत के बीच का पुल बना सोशल मीडिया

-बीबीसी, कोरोना की दूसरी लहर के रूप में भारत में मची तबाही से हर रोज़ देश में तीन लाख से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं. अपने परिजनों तक मदद पहुँचाने के लिए लोग बड़ी बेचैनी से सोशल मीडिया की सहायता ले रहे हैं. अपने बीमार परिजन को अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन, रेमेडिसविर और प्लाज़्मा दिलाने के लिए लोग सोशल मीडिया का जमकर उपयोग कर रहे हैं. ऐसे वक़्त में ये...

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मोदी के प्रति हमारी अंधभक्ति से विकराल हुआ कोविड संकट

-कारवां, फिलहाल भारत एक जीता-जागता नरक बना हुआ है. हर दिन यह कोविड मामलों का नया रिकॉर्ड बना रहा है. 25 अप्रैल को भारत में 352951 नए कोविड के मामले सामने आए थे और 2812 लोगों की मौत हुई थी. अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मरीज मर रहे हैं. 21 अप्रैल को महाराष्ट्र के नासिक के एक अस्पताल में तकरीबन 24 मरीज ऑक्सीजन की कमी से मर गए और उसके दो...

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संक्रमण काल: महामारी के दौर में डॉक्टरों की भूमिका, सीमाएं और प्रोटोकॉल के कुछ सवाल

-जनपथ, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 24 मार्च, 2020 को देश के 1.3 अरब लोगों को महज चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन में धकेलेते हुए कहा था कि “यह धैर्य और अनुशासन बनाए रखने का समय है।..[आप] डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ, पैथोलॉजिस्ट के बारे में सोचें जो अस्पतालों में दिन-रात काम कर रहे हैं ताकि प्रत्येक जिंदगी को बचाया जा सके।” मोदी ने विशेष तौर पर आग्रह किया कि...

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काबे किस मुंह से जाओगे गालिब…

-आउटलुक, कोरोना सबकी कलई खोलता जा रहा है... हमारे शायर कृष्ण बिहारी नूर ने कहा है : सच घटे या बढ़े तो सच ना रहे/ झूठ की कोई इंतहा ही नहीं. कोरोना इसे सही साबित करने में लगा है। कोई है जो दस नहीं हजार मुख से चीख-चीख कर कह रहा है कि न अस्पतालों की कमी है, न बिस्तरों की; न वैक्सीन कहीं अनुपलब्ध है, न कहीं डॉक्टरों-नर्सों की कमी है। वह बार-बार कह रहा है...

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जच्चा-बच्चा सर्वे: गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं का एक बड़ा हिस्सा अभी भी मातृत्व लाभ से वंचित है

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 मातृत्व लाभ के लिए गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा 6,000 रुपए/ - प्रति बच्चा की गारंटी देता है. इस अधिनियन में वह शामिल नहीं हैं, जो केंद्र सरकार या राज्य सरकारों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ या अन्य कानूनों के तहत नियमित रोजगार में रहते हुए इस तरह के लाभ उठा रहे हैं. एनएफएसए-2013 भी कानूनी...

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