नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग ने मंत्रियों को "सरकारी अधिकारी" बताते हुए कहा है कि आरटीआई के तहत पूछे गए सवालों का जवाब देना उनकी जिम्मेदारी है। सीआइसी द्वारा मंत्रियों को जवाबदेह बताए जाने का मतलब है कि अब लोग आरटीआई के तहत सीधे किसी मंत्री से सवाल पूछ सकते हैं। उनके कार्यालय के जन सूचना अधिकारी को उन सवालों का जवाब देना होगा। सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने अपने आदेश...
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न्यायपालिका के सामने विश्वसनीयता का संकट : चीफ जस्टिस
इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 150 वें स्थापना दिवस समारोह में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने कहा कि देश की न्यायिक व्यवस्था के सामने सबसे बड़ा सवाल विश्वसनीयता का है. बडी संख्या में लंबित मामलों के चिंता का विषय होने के बीच प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि कई मौकों पर मामलों के निस्तारण में बार का रवैया बहुत सहयोगात्मक नहीं रहता है...
More »धनाढ्य-भव्यता में संस्कृति कहां!-- उर्मिलेश
यह बात बिल्कुल समझ में नहीं आती कि आधुनिक दौर के हमारे धर्माचार्य या बाबा अपने जीवन या कर्म में सहजता, शालीनता और सादगी जैसे मूल्यों को अपनाने के बजाय राजाओं-महाराजाओं, सामंतों या नवधनाढ्यों जैसी महंगी चमक-दमक, विराटता या भव्यता क्यों पसंद करने लगे हैं? क्या श्री श्री रविशंकर का विश्व सांस्कृतिक महोत्सव झारखंड, बिहार, यूपी, कनार्टक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश या हरियाणा के किसी खाली इलाके में नहीं...
More »पांच करोड़ जुर्माने के साथ श्रीश्री को हरी झंडी
नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बुधवार को तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग को यमुना किनारे विश्व संस्कृति महोत्सव के आयोजन की इजाजत दे दी। हालांकि, एनजीटी ने आयोजन की हरी झंडी देने के साथ ही आर्ट ऑफ लिविंग पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह जुर्माना अंतरिम है और अगर बाढ़ क्षेत्र को मूल स्थिति में लाने के लिए...
More »बड़ा सवाल बीमार बैंकों का है- प्रमोद जोशी
विडंबना है कि जब देश के 17 सरकारी बैंकों के कंसोर्शियम ने सुप्रीम कोर्ट में रंगीले उद्योगपति विजय माल्या के देश छोड़ने पर रोक लगाने की मांग की, तब तक माल्या देश छोड़ चुके थे. अब सवाल बैंकों से किया जाना चाहिए कि उन्होंने क्या सोच कर माल्या को कर्जा दिया था? हाल में देश के 29 बैंकों से जुड़े कुछ तथ्य सामने आये, तो हैरत हुई कि यह...
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