जनसत्ता : शहरी विकास मंत्रालय का प्रस्ताव है कि विदेशी कंपनियों को कृषि-भूमि खरीदने की अनुमति दी जाए ताकि शहरीकरण की प्रक्रिया में विदेशी निवेश हो और विकास रफ्तार पकड़ सके। मंत्रालय की दलील है कि शहरी आवास परियोजनाओं के लिए पहले से ही कृषि-भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, इसलिए विदेशी कंपनियों को भी इस उद््देश्य के लिए कृषि-भूमि खरीदने की अनुमति देने में कोई हर्ज नहीं है।...
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गालिब! गुजरात का ख्याल अच्छा है- चंदन श्रीवास्तव
मिर्जा गालिब को लगता था कि जन्नत, एक ख्याल ही सही मगर दिल को बहलाये रखने के लिहाज से ‘यह ख्याल अच्छा है’. वैसे, ऐसा कहते हुए उनके दिल में कोई कांटा जरूर चुभता रहा होगा. तभी उन्होंने अपने मशहूर शे’र में जन्नत से दोहरा बदला लिया. एक तो उसे महज ख्याल भर बताया और साथ में यह भी जोड़ दिया कि- सबको मालूम है जन्नत की हकीकत.. यहां गालिब की बात...
More »सर्वाधिक प्रदूषित नदियां महाराष्ट्र और गुजरात में
नयी दिल्ली: देश में सर्वाधिक प्रदूषित नदियां महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों में हैं जहां क्रमश: 19 और 28 नदियां प्रदूषित हैं. पर्यावरण एवं वन मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने लोकसभा में सदस्यों के सवालों के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में भीमा, गोदावरी, पंचगंगा , कृष्णा, चंद्रभागा समेत कुल 28 नदियां प्रदूषित हैं. इसी प्रकार गुजरात में अंबिका, कावेरी, साबरमती और तापी समेत 19 नदियां प्रदूषण की शिकार...
More »निवेशक गेहूं में बिकवाली से कमा सकते हैं मुनाफा
बुवाई क्षेत्रफल में हुई बढ़ोतरी के साथ अनुकूल मौसम से चालू रबी में गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार होने का अनुमान है। गेहूं की बुवाई चालू रबी में 5.7 फीसदी बढ़कर 315.32 लाख हैक्टेयर में हुई है। मार्च-अप्रैल महीने में उत्पादक मंडियों में गेहूं की नई फसल की आवक शुरू हो जायेगी। हालांकि निवेशकों की खरीद से एनसीडीईएक्स पर मार्च महीने के...
More »गुजरात : पांच रुपए में मिल रही है 20 किलो गोभी, फिर भी खरीदार नहीं
डीसा (गुजरात)। यहां किसानों पर एक बार फिर हालात की मार पड़ी है। हालत यह है कि 20 किलो पत्ता गोभी का पांच रुपए देने वाला भी नहीं है। वैवाहिक सीजन के बावजूद मांग नहीं। दो सप्ताह से यह स्थिति बनी है। इससे पहले भाव 100 से 150 रुपए के बीच था। बाजार में खरीददार न होने के चलते सब्जी उत्पादक किसान उपज पशुधन को खिलाने को विवश हैं। यह स्थिति उत्तर...
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