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जीने के मौलिक अधिकार की रक्षा-- अनूप भटनागर

अनुसूचित जाति और जनजाति (उत्पीड़न से रोकथाम)कानून के तहत शिकायत होने पर तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधान को लचीला बनाने और जांच के बाद ही किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने संबंधी उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के बाद राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया उनके नजरिये को ही दर्शाती है। राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया को देखते हुए एक सवाल उठता है कि यदि बलात्कार और यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज कराने...

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बाधित संसद लोकतंत्र की अवमानना-- राजकुमार सिंह

संसदीय लोकतंत्र में संसद ही सर्वोच्च है। हमारे माननीय संसद सदस्य इस सर्वोच्चता का अहसास कराने का कोई मौका भी नहीं चूकते, पर खुद इस सर्वोच्चता से जुड़ी जिम्मेदारी-जवाबदेही का अहसास करने को तैयार नहीं। संसद में धनबलियों और बाहुबलियों की बढ़ती संख्या और लोकतंत्र की मूल भावना को इससे बढ़ते खतरे की चर्चा और चिंता मीडिया से लेकर सर्वोच्च अदालत तक मुखर होती रही है। जाहिर है, इस गहराते...

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छोटे उद्योग पनपें तो सुधरेगी अर्थव्यवस्था-- भरत झुनझुनवाला

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दावोस में विश्व के निवेशकों को बताया था कि भारत में व्यापार करना अब आसान हो गया है। उन्होंने इस बात के प्रमाण में विश्व बैंक द्वारा ‘व्यापार करने की सुगमता' अथवा ‘इज ऑफ़ डूइंग बिजिनेस' रपट का उल्लेख किया था। लेकिन व्यापार करना आसान होने के बावजूद देश में विदेशी निवेश की मात्रा बढ़ने के स्थान पर घट रही है। अप्रैल से दिसंबर, 2016 की...

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लैंगिक समानता की खंडित परिभाषा-- ऋतु सारस्वत

खेलों में स्त्री-पुरुष समानता के लिए काम करने वाली बिली जीन किंग ने महिलाओं के लिए सफल लड़ाई लड़ने के बाद पुरुष खिलाड़ियों की समानता के लिए पहल की है। बिली ने कहा ‘महिला खिलाड़ी की तरह पुरुष टेनिस खिलाड़ियों का मैच भी वेस्ट आॅफ थ्री सेट कर देना चाहिए। फिलहाल पुरुष खिलाड़ी पांच सेट का मैच खेलते हैं। इससे पुरुषों को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और उनके चोटिल...

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खुशहाली का पैमाना और भारत-- राजू पांडेय

भारत के लोग दुनिया के और देशों के लोगों के मुकाबले कितने खुश हैं, इसका जवाब हमें वैश्विक खुशहाली सूचकांक से मिलता है। जवाब यह है कि दुनिया के एक सौ दस देश हमसे ज्यादा खुशहाल हैं। इतना ही नहीं, खुशी के इस पैमाने पर हम लगातार नीचे आते जा रहे हैं। हाल में वैश्विक खुशहाली सूचकांक से पता चला है कि भारत वर्ष 2014 में एक सौ छप्पन देशों...

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