पटना: बिहार में हाल में हुई बारिश से लीची की फसल में जान आ गयी है. इसके साथ ही लीची के बेहतर फसल उत्पादन और देश के अन्य भागों में इसका सामान्य रुप से वितरण को लेकर इस प्रदेश के किसान आशान्वित हैं. ?बिहार में इस फल का उत्पादन करीब 255 टन है, जो कि देश में कुल उत्पादित 575 टन लीची का 45 प्रतिशत है. देश में काश्तकारी के लिए उपलब्ध...
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रंग लाए पर्यावरण बचाने के लिए किए गए एकल प्रयास
रतलाम। प्रकृति से छेड़खानी के परिणाम लगातार लोगों को भुगतने पड़ रहे हैं। कम हो रहे वन क्षेत्र और पेड़-पौधों की सुरक्षा पर समुचित ध्यान नहीं देने से मौसम चक्र गड़बड़ा गया है। ठंड और गर्मी में बारिश के साथ ओले गिर रहे हैं। इस मामले में कुछ सजग प्रहरियों के एकल प्रयास देखने में आए हैं। उनके प्रयास रंग भी लाने लगे हैं। आज 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस...
More »महोबा में कर्ज में डूबे किसान की मौत
महोबा। तंगहाली के कारण भुखमरी से जूझ रहे किसान प्रकृति प्रकोप के चलते टूटते चले जा रहे हैं। मंगलवार को बैंक का अचानक आया नोटिस देखकर श्रीनगर के अतरारमाफ के रहने वाले किसान कलूटा की सदमे से मौत हो गई। घटना से परिवारीजन में कोहराम मचा है। अतरारमाफ निवासी कलूटा ने वर्ष 2009 में त्रिवेणी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ननौरा से एक लाख 33 हजार का केसीसी बनवाया था। कभी सूखा तो...
More »जल प्रबंधन से बन गयी अंतरराष्ट्रीय पहचान- राहुल सिंह
वे अखबार नहीं पढ़ सकते. दो-चार पांच पंक्तियां लिख नहीं सकते. अगर कोई सामान्य बात भी लिखवाना हो तो किसी दूसरे की मदद लेते हैं. किसी तरह अपना हस्ताक्षर कर लेते हैं या एकाध टूटी-फूटी पंक्ति लिख लेते हैं. लेकिन उन पर दुनिया के प्रख्यात विश्वविद्यालय कैंब्रिज के छात्र भी शोध करते हैं. अपनी पीएचडी की थिसिस में उनके कार्यो व पर्यावरण संरक्षण के साथ ग्रामीण विकास के लिए उनके...
More »धान की खेती के मोह को कम करें किसान- डा अब्दुल वदूद
किसानों को हर साल खेती में भारी क्षति का सामना करना पड़ता है. समय पर बारिश नहीं होने से किसानों की मेहनत तो बेकार हो ही जाती है साथ ही खेतों में डाले गये बीज तथा खाद भी बरबाद हो जाते हैं. किसानों को अब यह सलाह दी जाती है कि वे वैकल्पिक खेती की ओर ध्यान दें. इसी सिलसिले में पंचायतनामा संवाददाता ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में मौसम विज्ञान...
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