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शिक्षा के नाम पर राजनीति- मनीषा प्रियम

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षामित्रों की नियुक्ति रद्द करने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक फैसले से देश में बच्चों की शिक्षा को लेकर राजनेताओं की मंशा पर सवाल पैदा हुआ है। मुद्दा उत्तर प्रदेश में यह था कि मायावती की सरकार ने 1999 में शिक्षकों की नियुक्ति संविदा के आधार पर की। ये शिक्षक पंचायत शिक्षामित्र कहलाए। इनके लिए वांछित न्यूनतम योग्यता पूर्णकालिक शिक्षकों के लिए...

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मप्र में कपिल धारा के 90 प्रतिशत कुओं में भ्रष्टाचार का बारूद

पेटलावद से जितेंद्र यादव। पेटलावद हादसे में 89 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले बारूद के पीछे भ्रष्टाचार की एक ऐसी कहानी भी छिपी है जिसके किरदार जिला और जनपद पंचायत के अफसरों से लेकर ग्राम पंचायत के सचिव और सरपंच तक हैं। इस कहानी में ब्‍लास्टिंग का धंधा करने वाले कांसवा सहित अन्य कारोबारियों का भी सीधा हाथ सामने आ रहा है।   झाबुआ जिले में मनरेगा के तहत सरकार की...

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ग्राम पंचायतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग वाला शाजापुर मप्र का पहला जिला

ईश्वरसिंह परमार/शाजापुर। अब तक प्रदेश, जिला और जनपद पंचायत स्तर पर ही वीडियोे कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा होकर जिम्मेदार एक-दूसरे से रूबरू होते आए हैं लेकिन शाजापुर जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ग्राम स्तर तक होने लगी है। इसी महीने से ये सुविधा शुरू हुई है। इसमें जनपद सीईओ जनपद कार्यालय में बैठकर सरपंच, सचिव व रोेजगार सहायकों से रोज की रिपोर्ट पूछते हैं। इसके लिए 40 ग्राम पंचायत को हाईटेक बनाया गया है।...

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हिंदी सम्मेलन में खो गया बहुभाषीय भारत - डॉ अनिल सद्गोपाल

विश्व हिंदी सम्मेलन सरकारी जश्न था। सरकारी जश्नों की तरह यह जश्न भी कुछ मिथकों पर टिका हुआ था। इसका सबसे बड़ा मिथक था कि हिंदी का विकास बहुभाषीय भारत की तमाम समृद्ध भाषाओं को हाशिए पर धकेलकर करना संभव है। कहीं दूर से भी यह संदेश नहीं निकला कि जिस अंग्रेजी साम्राज्यवाद के खिलाफ हिंदी संघर्ष कर रही है, उसी के खिलाफ बाकी भारतीय भाषाएं भी जूझ रही हैं...

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हिन्‍दी अनिवार्य होने पर ही पूरा होगा डिजिटल इंडिया का सपना

भोपाल(मध्‍यप्रदेश)। पीएम नरेन्द्र मोदी का डिजिटल सपना सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्‍दी अनिवार्य होने के बाद ही पूरा हो पाएगा। कारण कि आज हिंदी में कई सॉफ्टवेयर उपलब्‍ध हैं, इसके बावजूद बैंक, बिजली विभाग, भारतीय बीमा जैसी कंपनियां आज भी हमें अंग्रेजी में बिल और पॉलिसी दे रही हैं। यह बात विश्व हिन्‍दी सम्मेलन में आए सी-डैक जीएसटी कंपनी के डायरेक्टर महेश कुलकर्णी ने कही। उन्होंने बताया कि केन्द्र और राज्य सरकार...

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