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उत्तराखंड में तेंदुओं के साथ जीवन और जिम कार्बेट की विरासत

कार्बनकॉपी, 25 जुलाई   कभी जिम कॉर्बेट ने तेंदुओं को सबसे सुंदर जीव का दर्जा दिया था। यही जीव उत्तराखंड में मुश्किल में है। आवास और भूख मिटाने के लिए शिकार की कमी झेल रहे इस जीव का शिकार भी बढ़ा है। लगभग सौ साल पुरानी बात है। एक आदमखोर तेंदुए ने रुद्रप्रयाग के क्षेत्र में भारी तबाही मचा रखी थी। आठ साल में कम से कम 125 लोगों की जान लेने वाले...

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लक्षद्वीप के स्कूलों में मध्याह्न भोजन में छात्रों को पहले की तरह मांस उत्पाद परोसने का आदेश

न्यूज़ क्लिक,25 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने डेयरी फार्म को बंद करने और स्कूली बच्चों के मध्याह्न भोजन से मांस उत्पादों को हटाने के लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखने का निर्देश दिया था। केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के प्रशासन ने स्कूल अधिकारियों को उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश पर अमल करने का निर्देश दिया है, जिसके...

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कूड़ा बीनने से अमेज़ॉन तक: ट्रांसजेंडर संध्या की कहानी

न्यूज़लॉन्ड्री,24 जुलाई  21 वर्षीय संध्या का जन्म बिहार के नालंदा जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था. उनकी परवरिश भी वहीं हुई. अन्य बच्चों की तरह ही पले-बढ़े ‘संदीप’ को 10वीं कक्षा में अपनी असली पहचान का अहसास हुआ, क्योंकि वे खुद को संध्या के रूप में पहचानने लगे थे. उनके लंबे बाल और हाथों के बढ़े नाखूनों को देखकर स्कूल में बच्चे और अध्यापक उन्हें अलग-अलग नामों से...

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ओडिशा: समलेश्वरी मंदिर पुनर्विकास योजना के चलते 200 दलित परिवार बेघर होने की कगार पर

द वायर, 24 जुलाई  ओडिशा सरकार संबलपुर के समलेश्वरी मंदिर के सौंदर्यीकरण और पुनर्विकास की योजना पर काम कर रही है, जिसके चलते पास की बस्ती में बरसों से झुग्गियां बनाकर रह रहे क़रीब 200 दलित परिवार प्रभावित होंगे. सामाजिक कार्यकर्ताओं के अनुसार, कम से कम सौ घरों को पहले ही ध्वस्त कर दिया गया है. अन्य परिवारों ने अपने घरों को बचाने के लिए ओडिशा हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.पश्चिमी...

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क्षेत्रपति वर्ग’ के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है मौजूदा दौर

जनचौक, 24 जुलाई भारत में ‘क्षेत्रपति वर्ग’ का उल्लेख वेदों में स्पष्ट रूप से मिलता है। यह वो वर्ग है जो  भूमि स्वामी रहे। इस वर्ग में विभिन्न नस्ल जातियां धर्म और क्षेत्रों के लोग मूल रूप से भूमि से जुड़े कार्यों से जीवन यापन करते थे। जो मुख्यत: किसान थे। भौगोलिक क्षेत्र में कृषि कार्यों पर आधारित जीवन शैली ने क्षेत्रपति वर्ग का निर्माण किया!  कृषि उद्योग ही जीवन पद्धति का मूल अंग रहा! क्षेत्रपति वर्ग में नस्ल जाति धर्म का कोई आधारगत वर्गीकरण...

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