नोटबंदी के बाद यह सबसे बड़ा आर्थिक अनुष्ठान है. इससे जनता को बहुत उम्मीदें हैं. उम्मीदें इसलिए हैं कि नोटबंदी के बाद जनता काफी परेशानी से गुजरी है. यह ठीक है कि नोटबंदी,नकद-न्यूनतम अर्थव्यवस्था भविष्य में अर्थव्यवस्था का भला करेगी, पर फौरी तौर पर तो उसने आम जनता यानी रोज कमाने-खानेवाले लोगों को परेशान ही किया है. इसका असर भी दिखाई पड़ा है. तमाम संगठनों ने 2016-17 के आर्थिक विकास...
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पानी के प्रबंधन में बुनियादी बदलाव की दरकार, बने नेशनल वाटर कमीशन-- मिहिर शाह समिति
आजादी के बाद से अबतक बड़े और मंझोले आकार की सिंचाई परियोजनाओं में 4 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए हैं लेकिन ज्यादातर किसानों के लिए अब भी सिंचाई का पानी मुहाल है. सूखे की मार झेलती देश की खेती से जुड़ी इस तल्ख सचाई की तरफ ध्यान दिलाया गया है पानी का प्रबंधन सुधारने के मसले पर तैयार की गई एक रिपोर्ट में. रिपोर्ट केंद्रीय जल आयोग(सीड्ब्ल्यूसी) और केंद्रीय भूजल बोर्ड के कामकाज...
More »छोटे उद्योगों पर हो टैक्स की छूट-- डा. भरत झुनझुनवाला
देश में रोजगार की स्थिति यूपीए के कार्यकाल से ही बिगड़ती आ रही है. लेबर ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2011 में 9 लाख रोजगार उत्पन्न हुए थे. वर्ष 2013 में यह 4 लाख रह गया. वर्ष 2015 में मात्र 1,35,000 रोजगार उत्पन्न हुए. वर्तमान में रोजगार सृजन की बिगड़ती स्थिति का संकेत छोटे उद्योगों के हालात से मिलता है. देश में अधिकतम रोजगार छोटे उद्योगों में ही उत्पन्न...
More »वोटर्स में बांटने ले जा रहे ₹83 करोड़ कैश, 7.36 लाख लीटर शराब और 1485 किलो ड्रग्स बरामद
चुनाव आयोग की तरफ से नियुक्त निगरानी और खर्च नियंत्रण टीम ने जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां से करीब 83 करोड़ रूपये से ज्यादा की नकद राशि बरामद की है। इसके अलावा 12.65 करोड़ रूपये मूल्य की शराब और 10.30 करोड़ के मादक पदार्थ भी बरामद हुए हैं। इनमें से ज्यादा बरामदगी उत्तर प्रदेश और पंजाब से हुई है। इस वर्ष की शुरूआत में चुनाव की घोषणा...
More »अच्छी खबर : बदल सकती है आपकी आम आदमी कैंटीन
आम आदमी कैंटीन की क्षमता 2000 लोगों को प्रतिदिन भोजन मुहैया कराने की है। सरकार को इसके संचालन में 10 लाख रुपये प्रति माह खर्च करने होंगे। मरीजों को उपलब्ध कराया जाने वाला मुफ्त भोजन अस्पताल की पहले से संचालित कैंटीन से ही मिलेगा। आम आदमी कैंटीन में दाल, चावल, सब्जी और दो रोटी शामिल है। जनता के सुझावों के आधार पर बदलाव किया जा सकता है। दिल्ली सरकार द्वारा पहले...
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