भारत में उम्मीद की एक ताजा हवा बह रही है। नई सरकार, जिसे देश ने निर्णायक जनादेश दिया, तेजी से देश के विकास एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। पिछले बारह महीनों में घटनाक्रम में जो बदलाव आया है, उसने राष्ट्रीय मानस का निर्माण किया है। जो वैश्विक निवेशक पहले भारत के बारे में सवाल उठा रहे थे, वे अब देश में विकास संभावनाओं में सुधार की बातें कर रहे...
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खाद्य सुरक्षा पर दोरंगी चाल -- ज्यां द्रेज़
यूपीए की सरकार में जब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम पर भारतीय संसद में बहस हो रही थी तो भाजपा के नेताओं ने इसे ज़्यादा मजबूत बनाने की पैरवी की थी. आम चुनावों के बाद जब ख़ुद भाजपा सरकार मे पूर्ण बहुमत में आ गई है तो पार्टी अपना स्टैंड बदलती प्रतीत हो रही है. हाल ही में भाजपा नेता शांता कुमार के अध्यक्षता में बनी एक उच्च स्तरीय समिति ने खाद्य...
More »हमसे स्कूल मत छीनो - निवेदिता
मेरा शहर निहायत बदसूरत है। एक ऐसा शहर जहां पेड़-पौधे नहीं हैं, बाग नहीं हैं और जहां मौसम का फर्क सिर्फ आसमान में नजर आता है। उसके बावजूद कुछ है जिसने घोर दुखों के बीच जीवन को बनाए रखा है, सपने मरने नहीं दिए और जिसने लजाते सौंदर्य का उसकी खोह तक पीछा किया। सबसे अहम बात है जिंदगी के पक्ष में खड़ा रहना, अपनी दुनिया की बेहतरी के लिए...
More »दो अतियों के बीच स्वास्थ्य सेवा- अतुल गवांडे
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन के प्रोफेसर अतुल गवांडे, जो एक सर्जन होने के साथ-साथ लेखक, विचारक और राजनीतिक विश्लेषक भी हैं, ने बीबीसी रीथ लेक्चर्स के तहत 2014 में चिकित्सा का भविष्य पर चार भाषण दिये. आज हम चौथा लेक्चर प्रकाशित कर रहे हैं, जो उन्होंने दिल्ली में दिया. इसका विषय था-‘द आइडिया ऑफ वेलबीइंग' (अच्छी सेहत की परिकल्पना). इसमें उन्होंने बताया कि एक तरफ लोगों की चिकित्सा तक...
More »झारखंड का विकास मंत्र- जॉब जकारिया(यूनिसेफ, झारखंड)
झारखंड दुनिया भर के सर्वाधिक खनिज संपन्न इलाकों में से एक है. इसके अलावा जल, जंगल और जमीन के रूप में भी प्राकृतिक संसाधन है. मगर ये संसाधन मात्र ही राज्य का सामाजिक, आर्थिक और मानवीय विकास नहीं कर सकते. मानव विकास का अध्ययन करनेवाली राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के आंकड़े बताते हैं विकास के लिए झारखंड को अभी भी बहुत काम करना है और त्वरित गति से करना है....
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