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अब स्कूलों में होगी शेयर कारोबार की पढ़ाई

नयी दिल्ली : भारत में वित्तीय साक्षरता जल्द ही स्कूली सिलेबस का हिस्सा होगी. केंद्र सरकार ने 50 करोड़ भारतीयों को अगले पांच सालों में वित्तीय साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके तहत बुनियादी शिक्षा में करेंसी, बचत, कर्ज की जरूरत, बैंकिंग, निवेश, शेयर ट्रेडिंग, वित्तीय घोटाले, रीयल एस्टेट जैसे विषय शामिल होंगे. वित्तीय साक्षरता की इस मुहिम में सरकार अनपढ़ों, गृहणियों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भी शामिल...

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राजस्थान सबसे कम बेरोजगारी दर वाला तीसरा राज्य बना

जयपुर. राजस्थान के लिए उत्साहजनक खबर है कि राज्य ने बेरोजगारी दूर करने की दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय सफलता अर्जित की है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के चंडीगढ़ स्थित लेबर ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार देश के सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों मं गुजरात और छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान का स्थान है। ब्यूरो की ओर से ‘रोजगार एवं बेकारी पर किए गए दूसरे वार्षिक सर्वे 2011-12’ की रिपोर्ट...

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भत्ते से ज्यादा भर्ती की जरूरत- वीरेंद्र नाथ(तहलका)

उत्तर प्रदेश में एक तरफ लाखों लोगों को बेरोजगारी भत्ता देने की तैयारी हो रही है और दूसरी तरफ खाली पड़े लाखों पद बेरोजगारों की बाट जोह रहे हैं. वीरेंद्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट हाल ही में उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य का बजट पेश किया. हालांकि राज्य में चुनाव अभी बहुत दूर हैं, लेकिन अखिलेश का बजट बिल्कुल लोकलुभावन है. उनके बजट में लोगों की सबसे...

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बेच दी गई NH, डैम व स्कूल के लिए अधिग्रहित सैकड़ों एकड़ भूमि

रांची. विकास कार्य के लिए अधिग्रहित जमीन धड़ल्ले से बिक रही है। रांची जिले में ही एनएच, डैम, स्कूल व पशुपालन विभाग के लिए अधिग्रहित सैकड़ों एकड़ जमीन बिक गई। इसे खरीदने में बिल्डरों और आम आदमी के अलावा अधिकारी भी पीछे नहीं रहे। अंचल कार्यालय के पास यह रिकॉर्ड ही नहीं है कि अब तक कितनी जमीनों का अधिग्रहण हुआ है। अधिग्रहण के समय रैयतों को जिस जमीन का मुआवजा दिया जा चुका...

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इस गांव के लोग थाना नहीं जाते

कभी अपराध और आंतक के लिए कुख्यात गावां का विशनीटीकर गांव विकास की नयी गाथा गढ़ रहा है. मामला विकास का हो या फिर शांति का, इस गांव ने आम सहमति को हथियार बनाकर मिसाल कायम किया है. गावां प्रखंड मुख्यालय से दस किलोमीटर की दूरी पर बसा यह गांव काफी पिछड़ा हुआ गांव माना जाता था. अस्सी और नब्बे के दशक में गांव में अपराध इस कदर बढ़ गया था कि...

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