पानीपत. पेट की भूख और पैसे की ललक मासूमों का बचपन निगल रही है। जिले में बाल श्रमिक और ड्राप्ट आउट की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग बेफिक्र हैं। सरकार ऐसे बच्चों को राइट टू एजूकेशन के तहत शिक्षित करने का बल दे रही है, लेकिन सरकार की यह कोशिश भी बाबूओं की कलम के नीचे दब गई है। सरकार की योजना की पहुंच...
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बच्चों के बोरे में किताबों ने ली कूड़े की जगह
बिक्रमगंज [रोहतास, चंद्रमोहन चौधरी]। बच्चों ने कूड़ा चुनना छोड़ दिया है। उनके बोरे में अब किताब-कापियों ने जगह बना ली है। शाम चार बजते ही सभी बच्चे जूली की राह ताकने लगते हैं। हम बात कर रहे हैं रोहतास जिले के बिक्रमगंज के महादलित टोले की। जहां स्नातक की छात्रा जूली इस टोले में शिक्षा की ज्योति जलाने में तन्मयता से जुटी है। उसके प्रयास का आसपास के टोलों में असर दिख रहा है। कुछ समय...
More »दशा ऐसी तो कैसे जले शिक्षा की अलख
इलाहाबाद। सर्व शिक्षा अभियान का नारा है सब पढ़ें, सब बढ़ें। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों में शिक्षा की अलख जगाना है। सरकार ने भी इसकी सफलता के लिए कई कदम उठाए। शिक्षाधिकारियों समेत डीएम और मंडलायुक्त को भी इस ओर इंगित किया गया, बावजूद यह व्यवस्था शहर में ही पटरी से उतर गई है। इसका जीता जागता उदाहरण मोहत्सिमगंज में देखने को मिला। यहा एक ही परिसर में पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय...
More »यह स्कूल कैसा होता है, अंकल?
कानपुर। काकादेव कब्रिस्तान बस्ती के सामने की सड़क पर पान मसाला बेच रहे आठ वर्षीय बच्चे से पूछा गया, स्कूल जाते हो? उसने उलटा सवाल किया, स्कूल कैसा होता है अंकल? आजादी के 62 साल बाद किसी मासूम का यह सवाल पूरी व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर देता है। शहर में यह अकेला मासूम नहीं है जिसने कभी स्कूल नहीं देखा। रेलवे स्टेशन, बस स्टाप व चौराहों से लेकर...
More »नौ शहरों में पीपीपी मॉडल पर कचरा प्रबंधन की तैयारी
लखनऊ। प्रदेश के नौ शहरों को पॉलीथीन में कूड़ा भरकर उसे सड़क पर फेंकने से अब निजात मिल सकेगी। शीघ्र ही इन शहरों में निजी-सरकारी सहभागिता (पीपीपी) मॉडल के आधार पर 'इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट' की कवायद शुरू होने जा रही है। इसके तहत एक निजी संस्था लोगों के घरों से कूड़ा इकट्ठा करके उसे वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित करेगी। इस प्रक्रिया के दौरान जैविक कचरे से कम्पोस्ट खाद और...
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